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अमीरात के नासिर अली शाबन अहली का नाम विनोद अदाणी के दो नजदीकी सहायकों के तौर पर लिया जा रहा है, जो ऑफशोर फंडों के जरिये अदाणी समूह के शेयरों में निवेश किया करता था। अहली यूएई में कंसल्टेंसी कंपनी अल जावडा ट्रेड ऐंड सर्विसेज का निदेशक है। हिंडनबर्ग की जनवरी में आई रिपोर्ट में अहली का नाम नहीं था लेकिन उनसे संबंधित कुछ फर्मों के नामों का जिक्र था।
ओसीसीआरपी रिपोर्ट में अहली को गल्फ आरिज ट्रेडिंग एफजेडई (यूएई) के मालिक के तौर पर वर्णित किया गया है, जो मिड ईस्ट ओसन ट्रेड (मॉरीशस:) के लाभार्थी मालिक और गल्फ एशिया ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (बीवीआई) के नियंत्रण हैं। इन फर्मों पर अदाणी कंपनियों की मनी ट्रेल और ऑफशोर ट्रेडर्स में शामिल होने का आरोप है।
राजस्व खुफिया निदेशालय की तरफ से 2007 में अवैध हीरा कारोबार की जांच में उनका नाम पहली बार शामिल हुआ था। क्वार्ट्ज की रिपोर्ट में अहली को दुबई में अदाणी समूह का आदमी बताया गया है। इसमें कहा गया है कि वह साल 2009 में दुबई में इलेक्ट्रोजन इन्फ्रा एफजेडई के संस्थापक भी रहे हैं, जिसका स्वामित्व मार्च 2010 में विनोद अदाणी को हस्तांतरित कर दिया गया।
इलेक्ट्रोजेन इन्फ्रा का नाम डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस की एक और जांच में आया है, जो रकम की हेराफेरी से जुड़ा है। साथ ही हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इसका नाम पावर इक्विपमेंट का बिल बढ़ा चढ़ाकर बनाने में आया है।