खुद को नंबर 1 की कुर्सी पर काबिज देखना सिर्फ इंसानों की ही नहीं, बल्कि चैनलों की तमन्ना होती है और इसी कवायद में इस वर्ष जनवरी में शुरु हुए चैनल एनडीटीवी इमेजिन ने सोनी एंटरटेनमेंट से मोर्चा मार लिया।
एनडीटीवी इमेजिन ने सोनी एंटरटेनमेंट को तीसरे पायदान से हटा कर खुद यह स्थान हासिल कर लिया है। आम मनोरंजन चैनलों के बीच दर्शकों की संख्या यानी व्यूअरशिप के मैदान में रोजाना लड़ाई छिड़ती है और एनडीटीवी इमेजिन ने सोनी से इसी मैदान में बाजी मारी ली है।
गौतरलब है कि एनडीटीवी इमेजिन की इस क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी (20 जनवरी-26 जनवरी का सप्ताह) 5 प्रतिशत से बढ़कर (17 फरवरी-23 फरवरी का सप्ताह) 8 प्रतिशत हो गई। टैम मीडिया रिसर्च फर्म के आंकड़ों के मुताबिक जिन दिनों एनडीटीवी इमेजिन की बाजार हिस्सेदारी में वृध्दि हो रही थी, उन्हीं दिनों सोनी एंटरटेनमेंट की बाजार हिस्सेदारी 9 प्रतिशत से कम हो कर 7 प्रतिशत रह गई।
एनडीटीवी इमेजिन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर नायर का कहना है, ‘हिन्दी के आम मनोरंजन से जुड़े दर्शक अब चैनलों में कुछ अलग ढूंढ़ रहे हैं। मौजूदा चैनल के लिए अपने कार्यक्रमों में इतना बदलाव लाना काफी मुश्किल है। जबकि नए चैनल इस मौके का फायदा उठा सकते हैं।
हमने अपने कार्यक्रमों के स्वरूप में बदलाव लाने का फैसला लिया था और यह हमारे लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। उदाहरण के लिए सप्ताह के आम दिनों में पौराणिक धारावाहिक प्रसारित करना, एक बड़ा बदलाव था, जिसे दर्शक पसंद कर रहे हैं।’
चैनल कुछ नए लॉन्च हुए धारावाहिकों के साथ, जिनमें काल्पनिक घटनाओं पर आधारित और अकाल्पनिक दोनों धारावाहिक शामिल हैं, काफी आगे बढ़ रहा है। फिलहाल चैनल पर 11 धारावाहिक प्रसारित हो रहे हैं और जुलाई-अगस्त के बीच चैनल 4 से 5 नए शो लाने की भी योजना बना रहा है। नायर का कहना है, ‘हमने अपने लिए व्यूअरशिप तैयार कर ली है और अब हमें नए दर्शकों तक अपनी पहुंच बनाने और उसे बढ़ाने की कोशिश करनी होगी।’
एनडीटीवी इमेजिन की बढ़ती पकड़ से सोनी भी चुन नहीं बैठने वाला और वह एनडीटीवी की चुनौती को काफी गंभीरता से ले रहा है। कंपनी ने पीछे साल के लिए अपने प्रोग्रामिंग बजट को 15 से 20 प्रतिशत बढ़ाया था।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के मुख्य परिचालन अधिकारी एन पी सिंह का कहना है, ‘सोनी ने अपना स्थान कुछ समय के लिए ही खोया है, क्योंकि जब भी कोई नया चैनल सही मार्केटिंग, वितरण और सामग्री के साथ लॉन्च होता है, दर्शक उस नए चैनल को जांच के तौर पर जरूर देखते हैं। हिंदी के आम मनोरंजन के क्षेत्र में अभी कड़ी प्रतिस्पर्धा बनी हुई है और हमारा पूरा ध्यान अपनी बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने में लगा हुआ है।
हमारे पास नए प्रारुप वाले कार्यक्रमों की लंबी सूची है, जिससे हमें हमारी स्थिति वापस पाने में मदद मिलेगी।’हाल ही में सोनी ने एक नया रियलिटी शो ‘वार परिवार’ बतौर मेजबान अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर के साथ शुरू किया है। नए शोज की फेहरिस्त में ‘नया रूप नई जिंदगी’ एक्सट्रीम मेकओवर का भारतीय रूप, भी शामिल है।
जून में चैनल मेजबान के रूप में सलमान खान के साथ ‘दस का दम’ शुरू करने वाला है, जिसके बाद इंडियन आईडल-चार और झलक दिखला जा-3 भी जल्द ही दर्शकों को एक बार फिर से देखने को मिलेंगे।इतने रियलिटी शोज के बाद भी सिंह को नहीं लगता कि चैनल पर रियलिटी शोज की मात्रा कुछ ज्यादा हो गई है और ऐसे में दर्शक चैनल की गंभीरता को हल्के में ले लेंगे।
उनके मुताबिक किसी भी चैनल को लंबे समय तक बने रहने के लिए काल्पनिक और अकाल्पनिक कार्यमक्रमों का उचित मिश्रण होना चाहिए। रियलिटी आधारित शोज चैनल को अधिक लोगों तक पहुंच बनाने में मदद करते हैं और दर्शक उनकी तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। सिंह कहते हैं कि रियलिटी शोज काफी महंगी रणनीति है।
उद्योग अनुमानों पर अगर भरोसा किया जाए तो एक 15 सप्ताह के रियलिटी शो के लिए चैनल लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है। बावजूद इस मोटे खर्च के चैनलों में अधिक से अधिक रियलिटी शोज दिखाने की लड़ाई तेज हो रही है।
एनडीटीवी इमेजिन और सोनी ही नहीं व्यूअरशिप के समंदर में अपना बेड़ा पार लगाने में लगे हुए हैं, बल्कि नंबर 1 के पायदान पर खड़ा स्टार प्लस और दूसरे पायदान पर खड़े जी के लिए भी पहले और दूसरे स्थान पर अपने दावेदारी को मजबूत बनाए रखना काफी मुश्किल हो रहा है।