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Energy Transition: ब्रिटेन और भारत में 3.6 अरब डॉलर का निवेश करेगी Essar

एस्सार समूह ने ऊर्जा, धातु और खनन, बुनियादी ढांचा तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निवेश किया हुआ है

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भाषा
Last Updated- February 27, 2023 | 2:08 PM IST

एस्सार समूह ने ब्रिटेन और भारत में कम कॉर्बन उत्सर्जन की ऊर्जा बदलाव परियोजनाओं में अगले पांच साल के दौरान 3.6 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। इनमें हरित हाइड्रोजन और अमोनिया उत्पादन से संबंधित परियोजनाएं भी हैं।

एस्सार समूह ने ऊर्जा, धातु और खनन, बुनियादी ढांचा तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निवेश किया हुआ है। समूह ने ब्रिटेन में उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में एक प्रमुख ऊर्जा बदलाव केंद्र के निर्माण के लिए एस्सार एनर्जी ट्रांजिशन (ईईटी) के गठन की घोषणा की है।

कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘ईईटी की योजना अगले पांच साल में कम कार्बन ऊर्जा बदलाव की परियोजनाओं की श्रृंखला के विकास में कुल 3.6 अरब डॉलर का निवेश करने की है।

इनमें से 2.4 अरब डॉलर का निवेश समूह स्टैनलो में अपनी सुविधा पर लिवरपूल और मैनचेस्टर के बीच और 1.2 अरब डॉलर का निवेश भारत में करेगा। इन परियोजनाओं में ब्रिटेन में वर्टेक्स हाइड्रोजन की एक गीगावॉट की ब्लू हाइड्रोजन परियोजना, ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर केंद्रित एक गीगावॉट की हरित अमोनिया सुविधा और 10 लाख टन कम कॉर्बन के जैवईंधन का विकास शामिल है।

वर्टेक्स ब्रिटेन में एस्सार की स्टैनलो रिफाइनरी परिसर में एक हाइड्रोजन विनिर्माण इकाई बना रही है। इस संयुक्त उद्यम में एस्सार ऑयल ब्रिटेन की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह उद्यम 2026 से दो इकाइयों से प्रतिवर्ष एक गीगावॉट हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा।

ब्रिटेन की प्रोग्रेसिव एनर्जी की वर्टेक्स में शेष 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने कहा, ‘‘ईईटी को पेश करना एस्सार की ब्रिटेन को कम कॉर्बन वाली ऊर्जा में आगे लाने की दीर्घावधि की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हम ब्रिटेन में कम कॉर्बन वाले भविष्य के ईंधन के उत्पादन के जरिये ऊर्जा बदलाव को आगे बढ़ाने को लेकर रोमांचित हैं। इससे उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में औद्योगिक कॉर्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 20 प्रतिशत की कमी आएगी।”

First Published : February 27, 2023 | 2:08 PM IST