महंगाई के इस दौर में जहां घरों में खाने की थाली में 2 के बजाय 1 सब्जी से ही काम चलाया जा रहा है, वहीं पिज्जा, बर्गर वगैरह के शौकीनों की मौज आ गई है।
वजह है दो दिग्गज फास्ट फूड कंपनियों मैकडोनाल्ड्स और निरुलाज के बीच छिड़ी जंग। दोनों कंपनियां कम से कम कीमत पर भारतीय ग्राहकों को इन व्यंजनों के चटखारे दिलाने पर आमादा हैं।
‘आपके जमाने में बाप के जमाने के दाम’ जैसे जुमलों के साथ सबसे सस्ते विलायती व्यंजन खिलाने के मैकडोनाल्ड्स के दावे से तो सभी वाकिफ हैं। अब निरुलाज ने भी वही राह पकड़ ली है। उसने तो इस अमेरिकी कंपनी से भी सस्ते दामों पर सबका पेट भरने की ठान ली है।
देसी कंपनी निरुलाज ने मैकडोनाल्ड्स के सबसे सस्ते व्यंजन यानी हैप्पी प्राइस मेन्यू से भी कम कीमत के व्यंजन पेश कर दिए हैं। हैप्पी प्राइस मेन्यू में बर्गर से लेकर सॉफ्ट ड्रिंक तक महज 20 रुपये में मिल जाते हैं। निरुलाज ने आलू भरकर ग्रिल किए गए बर्गर केवल 19 रुपये में उतार दिए हैं। हालांकि उन पर कर लगेगा।
इसी तरह चीज ओनियन टमैटो पिज्जा 69 रुपये में मिल रहे हैं। जिन्हें बर्गर या पिज्जा पसंद नहीं हैं, उनके लिए लजीज भारतीय खाना 30 रुपये में पेश किया जा रहा है। मंशा साफ है, मैकडोनाल्ड्स की तिजोरी में सेंध लगाना।
दरअसल तकरीबन डेढ़ दशक पहले दिल्ली वालों की जुबां पर चटखारे खाने के लिए निरुलाज का ही नाम होता था। लेकिन 1996 में मैकडोनाल्ड्स के आने से उसकी रौनक कुछ कम हो गई।
महज दो साल पहले मलेशिया के प्राइवेट इक्विटी फंड नाविस कैपिटल पार्टनर्स ने निरुलाज में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली। समीर कुकरेजा ने भी इसमें हिस्सेदारी खरीदी और अब वह इसके प्रबंध निदेशक हैं। इस बदलाव के बाद ही कीमतों में भी फर्क आया है। इसके अलावा कंपनी देश भर में पांव पसारने की जुगत भी भिड़ा रही है।
लेकिन मैकडोनाल्ड्स की तरह अंधाधुंध और लुभावने विज्ञापनों में निरुलाज का यकीन नहीं है। अभी वह इनसे परहेज ही कर रही है। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (मार्केटिंग ऐंड सेल्स) सुदीप्त सेनगुप्ता कहते हैं, ‘हम नई कीमतों को इस तरह पेश और प्रचारित कर रहे हैं, ताकि उन ग्राहकों को पता चल जाए, जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। जब हमारा विस्तार अच्छी तरह हो जाएगा, हम भी विज्ञापन में जुट जाएंगे।’
लंबे अर्से से निरुलाज पारिवारिक रेस्तरां जैसी शक्ल में ही रही है। लेकिन अब वह निरुलाज एक्सप्रेस, पेट्रोल पंपों पर रेस्तरां, फूड कोर्ट, बार और आइसक्रीम के कियोस्क के जरिये बढ़त बना रही है।
वैसे मैकडोनाल्ड्स निरुलाज की इस कवायद से बेपरवाह है। कीमतों में और कमी का उसका कोई इरादा नहीं है क्योंकि वह पहले ही काफी किफायती होने का दावा कर रही है। मैकडोनाल्ड्स इंडिया (उत्तर एवं पूर्व) के प्रबंध निदेशक और साझे उपक्रम में साझेदार विक्रम बक्शी कहते हैं, ‘हम आम आदमी का ब्रांड हैं और ग्राहकों को उनके पैसे की पूरी कीमत देते हैं। हम आम आदमी से जुड़े रहते हैं और चुपचाप तमाम सर्वेक्षण भी तराते हैं। हमें पता चला था कि 20 रुपये हर कोई खर्च कर सकता है।’
निरुलाज भी कम दामों को किसी तरह के मुकाबले की तैयारी नहीं मानती। सेनगुप्ता कहते हैं, ‘नई कीमतें हमारे मार्केटिंग कैलेंडर के मुताबिक लाई गई हैं। हम ग्राहकों की फिक्र कर रहे हैं, मुकाबले से हमें कुछ लेना देना नहीं है।’
उत्तर भारत में पैठ बना चुकी निरुलाज देश भर में जा रही है।कंपनी 2010 तक अपने आउटलेटों की संख्या 57 से बढ़ाकर 200 तक करने की योजना बना चुकी है।