भारत के कार बाजार में जापानी कंपनी निसान की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है।
रेनो के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम बनाने के बाद अब कंपनी ने भारतीय सड़कों पर अपने अत्याधुनिक मॉडल उतारने की योजना भी बना ली है। जापान में तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी देश में 8 नए कार मॉडल उतारेगी।
बिक्री का बड़ा लक्ष्य
निसान के इरादे यहीं पर खत्म नहीं होते। कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष कार्लोस तवारेस ने बताया कि उनका लक्ष्य 2012 तक भारत में 100,000 लाख वाहन सालाना की बिक्री करना है। कंपनी को उम्मीद है कि दुनिया की दूसरी सबसे तेज तरक्की कर रही इस अर्थव्यवस्था में वह कार की बढ़ती चाहत को देखते हुए आराम से यह लक्ष्य प्राप्त कर लेगी।
देसी हाथ पर भरोसा
निसान की नई कारें इंट्री लेवल की होंगी और उनके इंजन 1 लिटर से 1.2 लिटर के होंगे। इसके अलावा कंपनी भारत के लिए एक हल्का वाणिज्यिक वाहन भी पेश करेगी। पिछले साल कंपनी ने अपने 5 डीलरों के जरिये भारत में 450 वाहन बेचे थे।
लेकिन 100,000 वाहनों की बिक्री का लक्ष्य हासिल करने के लिए कंपनी यहां अपनी डीलरशिप में विस्तार कर रही है। इसके लिए उसने भारतीय कंपनी होवर ऑटोमोटिव से हाथ मिलाया है। अभी 5 डीलरों के साथ वह जापान से आयातित तिएना सेडान और एक्स ट्रायल स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल भारत में बेचती है।
कंपनी भारत में जो 8 मॉडल उतारेगी, उनमें से 4 यहीं तैयार किए जाएंगे। कंपनी इससे पहले रेनो के साथ मिला चुकी है। उसने दक्षिण भारत में इस कंपनी के साथ 4,000 करोड़ रुपये की लागत से एक कार संयंत्र लगाने का ऐलान किया है।
छोटी कारों पर नजर
निसान ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड से भी वाहन हासिल करने के लिए एक समझौता किया है। इसके अलावा छोटी कारों के बढ़ते बाजार को देखकर उसने रेनो और नामी भारतीय दोपहिया निर्माता कंपनी बजाज के साथ भी हाथ मिलाया है। ये कंपनियां मिलकर टाटा मोटर्स की नैनो से भी सस्ती कार बनाने की सोच रही हैं।
होवर के साथ करार के बारे में तवारेस ने कहा कि भारतीय कंपनी के रिटेल और फ्रैंचाइजी कारोबारी अनुभव का फायदा उनकी भारतीय इकाई निसान मोटर इंडिया को बखूबी मिलेगा।