प्रमुख बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड कच्चे माल की कमी पूरी करने के लिए इंडोनेशिया, मोजांबिक और दक्षिण अफ्रीका में कोयला खदानों के अधिग्रण की योजना बना रही है।
इसके लिए उसने तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा कंपनी दूसरे देशों में भी कोयले की तलाश कर रही है। एनटीपीसी के नए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राम शरण शर्मा ने कहा कि देश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन लक्ष्य पूरा करने के लिए आपूर्ति पर खासा ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने बताया कि अभी वह 20 लाख टन कोयले का आयात करती है जबकि ताप बिजली संयंत्रों के लिए 11 करोड़ टन कोयले की जरूरत होती है।
एनटीपीसी ने बताया कि वह विदेशों में कोयला खदानों की तलाश कर रही है जो उसे 2 करोड़ टन कोयला सालाना मुहैया करा सके। शर्मा ने कोयला खदानों से जुड़ी जानकारियों को गोपनीय रखते हुए कहा, ‘हम इंडोनेशिया, मोजांबिक और दक्षिण अफ्रीका में कोयला खदानों को तलाश रहे है।’
उन्होंने बताया कि कंपनी को अपनी प्रस्तावित परियोजना के लिए 50 लाख टन कोयले की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि विदेशों से कोयले की आपूर्ति करने के लिए एनटीपीसी ने कोल वेंचर्स इंटरनेशनल लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड और नैशनल मिनरल डेवलपमेंट कोर्पोरेशन के साथ साझा उपक्रम बनाया है।
घरेलू बाजार में एनटीपी के प्रतिस्पर्धी टाटा पावर और रिलायंस पावर ने इंडोनेशिया में कोयले के ब्लाकों का अधिग्रहण किया है। एनटीपीसी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 22,430 मेगावाट बिजली उत्पादन को जोड़ने की योजना बनाई है। शर्मा ने कहा, ‘एनटीपीसी की 11वीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य के अंतर्गत।,990 मेगावाट परियोजना को चालू कर लिया गया है। वहीं 16,680 मेगावाट वाली परियोजना में कार्य तेज गति से चल रहा है।’