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Ola Electric: ओला इलेक्ट्रिक अपने वाहनों में 4680 बैटरी सेल आजमाने को तैयार, Elon Musk की Tesla भी करती है इसी का इस्तेमाल

टेस्ला (Tesla) ने 2021 में अपने मॉडल वाई और साइबरट्रक के लिए यह बैटरी खुद ही बनाते हुए इस नई तकनीक के व्यावसायिक उपयोग का बीड़ा उठाया।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- June 17, 2024 | 10:14 AM IST

ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) कुछ ही महीनों में अत्याधुनिक 4680 बैटरी सेल का व्यावसायिक उपयोग शुरू करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही वह उन चुनिंदा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) विनिर्माताओं के समूह में शामिल हो जाएगी जो अपने वाहनों में इसका इस्तेमाल करती हैं।

फिलहाल ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के दोपहिया वाहनों में इसका परीक्षण किया जा रहा है। ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने देश के भीतर ही इस बैटरी का डिजाइन तैयार किया है।

अत्याधुनिक 4680  बैटरी का इस्तेमाल करने वाली अन्य कंपनियों में ईलॉन मस्क की टेस्ला भी शामिल है। टेस्ला (Tesla) ने 2021 में अपने मॉडल वाई और साइबरट्रक (Cybertruck) के लिए यह बैटरी खुद ही बनाते हुए इस नई तकनीक के व्यावसायिक उपयोग का बीड़ा उठाया।

अब टेस्ला (Tesla) अन्य वैश्विक बैटरी विनिर्माताओं के साथ भी सहयोग कर रही है। इस तकनीक को जर्मनी की प्रमुख वाहन कंपनी बीएमडब्ल्यू, अमेरिका की कंपनी जनरल मोटर्स, यूरोपीय वाहन समूह स्टेलेंटिस (जीप, सिट्रोन, फिएट एवं प्यूजो के मालिक) और चीन की कई वाहन कंपनियां भी अपना रही हैं।

जहां तक इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों का सवाल है तो विनफास्ट भारत में एक कारखाना लगाने की योजना बना रही है। इसके लिए उसने इजरायल की कंपनी स्टोरडॉट के साथ साझेदारी की घोषणा की है। कंपनी ने 2025 तक टेस्ला जैसी 4680 बैटरी का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई है। हाल में विनफास्ट ने इलेक्ट्रिक कार भी उतारी हैं।

सूत्रों के अनुसार ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने नई बैटरी तकनीक विकसित करने के लिए 200 से अधिक पेटेंट के लिए आवेदन किए हैं। कंपनी अब दुनिया की उन दर्जन भर कंपनियों में शामिल होगी जो स्वदेशी तौर विकसित इन बैटरियों का स्वामित्व रखते हुए उत्पादन करती हैं।

दरअसल 4680 बैटरी को वैश्विक बैटरी बाजार में नाटकीय बदलाव लाने वाली बैटरी के तौर पर देखा जा रहा है। इस बैटरी को टेस्ला ने यह नाम दिया है क्योंकि इसमें बड़े आकार के ढांचे का उपयोग किया गया है। इसके बेलनाकार ढांचे के आकार को 21 मिलीमीटर व्यास एवं 70 मिलीमीटर लंबाई से बढ़ाकर 46 मिलीमीटर व्यास एवं 80 मिलीमीटर लंबाई कर दिया गया है और इसलिए इसे 4680 बैटरी नाम दिया गया है।

नई बैटरी मौजूदा 2170 बैटरी के मुकाबले 5 गुना अधिक ऊर्जा स्टोर कर लेती हैं और 6 गुना अधिक ऊर्जा पैदा कर सकती है। आसान शब्दों में कहें तो नई बैटरी में ज्यादा ऊर्जा रह सकती है।  ऊर्जा का भंडारण अधिक हो सकता है वह अधिक गर्मी को भी बर्दाश्त कर सकती है। इससे वाहन के माइलेज और रेंज दोनों में 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो सकती है।

ओला इलेक्ट्रिक की परियोजना रिपोर्ट के अनुसार 4 किलोवॉट घंटा (केडब्ल्यूएच) क्षमता वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए हरेक बैटरी पैक में 40 सेल की जरूरत होगी, जबकि मौजूदा तकनीक के साथ उसमें 110 सेल लगाने पड़ते हैं। ऐसे में कम सामग्री लगने से कीमत भी कम होगी और
कम वजन के कारण उसकी दक्षता भी बढ़ जाएगी।

ओला अपने तमिलनाडु कारखाने में बनी बैटरियों का उपयोग निजी खपत के लिए करेगी। कारखाने में बैटरी का उत्पादन 10,000 सेल प्रतिदिन क्षमता के साथ शुरू होगा। उम्मीद की जा रही है कि उस कारखाने में 2025 की दूसरी छमाही तक 54.5 लाख सेल का उत्पादन होगा।

ओला को हर महीने करीब 1 लाख ईवी की बिक्री के साथ करीब 40 लाख सेल की जरूरत होगी। कंपनी को 20 गीगावॉट प्रति घंटा क्षमता का कारखाना लगाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत मंजूरी मिल चुकी है। हाल में उसे अपने 5,500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए सेबी से हरी झंडी मिल मिली है।

कंपनी अब औपचारिक मंजूरी का इंतजार कर रही है। ओला के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। भारत अब इस बैटरी सेल प्रौद्योगिकी वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिसमें चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका पहले से ही शामिल हैं।

एलजी एनर्जी सॉल्यूशन ने टेस्ला के लिए इन बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है। उसने उत्पादन बढ़ाने के लिए अरबों डॉलर की निवेश योजना तैयार की है। इस बाजार की अन्य कंपनियों में सैमसंग एसडीआई कंपनी और एसके ऑन कंपनी शामिल हैं जो 4680 बैटरी बनाने पर काम कर रही हैं।

पैनासोनिक भी इस बैटरी को इसी साल बाजार में उतारने के लिए काम कर रही है। बैटरी बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी कंटेम्पररी एम्परेक्स टेक्नोलॉजी कंपनी (सीएटीएल) के जरिये मार्च 2023 में 4680 बैटरी का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया था।

First Published : June 16, 2024 | 10:07 PM IST