वित्त वर्ष 25 के दौरान देश के यात्री वाहन बाजार में बिक्री की रफ्तार धीमी रह सकती है। इसके तीन से छह प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 25 में बिक्री लगभग 44 लाख से 45 लाख वाहनों तक पहुंच जाएगी, जबकि वित्त वर्ष 24 में 41 लाख से 43 लाख वाहन बिक्री का अनुमान है तथा वित्त वर्ष 23 के मुकाबले बिक्री में छह से नौ प्रतिशत की वृद्धि होगी।
30 जनवरी को सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) की ओर से अपने सदस्यों के लिए आयोजित 18वें लुकिंग कॉन्क्लेव से पहले एक प्रस्तुति में रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह अनुमान जताया।
वैश्विक महामारी कोविड के बाद भारत में यात्री वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 21 के 27 लाख वाहनों से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में 31 लाख हो गई। वित्त वर्ष 23 में यह बिक्री 39 लाख तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 24 में निर्यात 6.9 से 6.95 लाख से बढ़कर 7.2 से 7.5 लाख तक होने की उम्मीद है। यह चार से सात प्रतिशत की वृद्धि है।
घरेलू बिक्री के बाद चिंता का दूसरा क्षेत्र वाणिज्यिक वाहन बाजार है, जो तीन साल तक तो अच्छा रहा, लेकिन वित्त वर्ष 25 में इसमें चार से सात प्रतिशत तक की तेज गिरावट का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024 में आम चुनाव और नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऑर्डर पर उनके प्रभाव के कारण बिक्री धीमी होने के आसार हैं। वित्त वर्ष 25 में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री घटकर 9.35 से 9.40 लाख रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 9.8 से 9.85 लाख रहने का अनुमान जताया गया है।
अच्छी खबर यह है कि यात्री वाहनों में वैकल्पिक इंजन (इलेक्ट्रिक, सीएनजी और हाइब्रिड) का योगदान कैलेंडर वर्ष 2023 में 4 प्रतिशत से बढ़कर साल 2028 में 15 प्रतिशत होने की संभावना है।
घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार मजबूत स्थिति में है। इक्रा ने वित्त वर्ष 25 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की पैठ छह से आठ प्रतिशत (वित्त वर्ष 23 के 5 प्रतिशत की तुलना में) तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। इलेक्ट्रिक कारों के मामले में उसने वित्त वर्ष 25 में चार से छह प्रतिशत (वित्त वर्ष 23 के एक प्रतिशत के मुकाबले) की पैठ का अनुमान लगाया है। इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों में 14-16 प्रतिशत (वित्त वर्ष 23 के 7 प्रतिशत से अधिक) और ई-बसों के के लिए 11 से 13 प्रतिशत (वित्त वर्ष 23 के 6 प्रतिशत से अधिक) की पैठ की बात कही है।