विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम (Paytm) ने मार्च 2025 तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस तिमाही में कंपनी का घाटा घटकर ₹540 करोड़ रह गया है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹550 करोड़ था। ऑपरेशन से कमाई में गिरावट आई है, लेकिन खर्चों में कटौती और फाइनेंशियल सर्विस से आय में बढ़त से कंपनी को राहत मिली है। मार्च 2025 तिमाही में कंपनी की कुल ऑपरेटिंग इनकम ₹1,911.5 करोड़ रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही के ₹2,267.1 करोड़ के मुकाबले करीब 15.7% कम है।
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी की कुल आय ₹6,900 करोड़ रही, जो कि पिछले साल के ₹9,977.8 करोड़ से लगभग 31% कम है। लेकिन इसी दौरान कंपनी का कुल वार्षिक घाटा आधे से भी ज्यादा घटकर ₹645.2 करोड़ रह गया, जो FY24 में ₹1,390.4 करोड़ था।
पेटीएम ने EBITDA (ESOP से पहले) में ₹81 करोड़ का मुनाफा दिखाया है, जो पिछली तिमाही से ₹121 करोड़ का सुधार है। कुल EBITDA ₹(88) करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में ₹135 करोड़ बेहतर है। PAT (नेट प्रॉफिट) ₹(23) करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही से ₹185 करोड़ का सुधार है।
कंपनी को इस वित्त वर्ष में ₹70 करोड़ का UPI इंसेंटिव मिला है। कुल GMV (ग्रॉस मर्चेंडाइज़ वैल्यू) ₹5.1 लाख करोड़ रही है। नेट पेमेंट मार्जिन ₹578 करोड़ रहा (जिसमें UPI इंसेंटिव शामिल है)।
मर्चेंट डिवाइसेज़ का सब्सक्राइबर बेस बढ़कर मार्च 2025 तक 1.24 करोड़ हो गया है, जिसमें तिमाही के दौरान 8 लाख की बढ़ोतरी हुई है। फाइनेंशियल सर्विस की कमाई ₹545 करोड़ रही, जो पिछली तिमाही से 9% ज़्यादा है। यह बढ़ोतरी लोन डिस्ट्रीब्यूशन और बीमा सेवाओं जैसे क्षेत्रों में विस्तार के कारण हुई है।
पेटीएम ने तिमाही के दौरान अपने अप्रत्यक्ष खर्चों में 1% की कटौती की है और इसे ₹991 करोड़ तक लाया है। सालाना आधार पर यह कटौती 16% रही है। खास बात ये रही कि गैर-सेल्स कर्मचारियों पर खर्च में 36% की कमी की गई। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने खुद की 2.1 करोड़ ESOPs (Employee Stock Options) छोड़ दी हैं, जिससे भविष्य में ESOP से जुड़ा खर्च कम हो जाएगा।
Q4 FY25 में इसके चलते एक बारगी ₹492 करोड़ का नॉन-कैश खर्च जोड़ा गया है, लेकिन FY26 की पहली तिमाही से ESOP लागत ₹75-100 करोड़ तक सीमित हो सकती है (जबकि Q4 FY25 में यह ₹169 करोड़ थी)।