दुनिया की दवा बनाने वाली बड़ी कंपनी Pfizer ने अपनी एक मोटापा कम करने वाली गोली ‘Danuglipron’ पर काम रोक दिया है। कंपनी ने यह फैसला एक क्लीनिकल ट्रायल के दौरान सामने आए गंभीर साइड इफेक्ट के बाद लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक मरीज को इस दवा से संभावित लिवर डैमेज हुआ, जिसे देखते हुए कंपनी ने दवा के मौजूदा वर्ज़न पर आगे कोई ट्रायल न करने का निर्णय लिया है।
Pfizer को बड़ा झटका, बाजार में पिछड़ने का डर
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, मोटापा कम करने वाली दवाओं का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है और Pfizer इसमें बड़ी हिस्सेदारी हासिल करना चाहता था। लेकिन अब Danuglipron को रोकने के फैसले से कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है। कोविड वैक्सीन और दवाओं की मांग घटने के बाद, Pfizer नए बिजनेस सेक्टर की तलाश में था — जिसमें मोटापा एक बड़ा फोकस था।
प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह गई Pfizer
इस क्षेत्र में Pfizer के मुकाबले Eli Lilly और Novo Nordisk जैसी कंपनियां पहले से बाज़ार में मजबूत स्थिति में हैं। Lilly की दवा ‘Zepbound’ जैसी इंजेक्शन से मोटापा घटाने वाली दवाएं पहले ही बाज़ार में उपलब्ध हैं और अरबों डॉलर की कमाई कर रही हैं। Lilly एक गोली पर भी काम कर रही है, जो अब ट्रायल के आखिरी चरण में पहुंच चुकी है। AstraZeneca और Structure Therapeutics जैसी दूसरी कंपनियां भी इस रेस में हैं।
पहले भी हो चुकी हैं दिक्कतें
यह पहली बार नहीं है जब Danuglipron को लेकर Pfizer को मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो। पिछले साल कंपनी ने इस दवा के दिन में दो बार ली जाने वाली वर्ज़न पर काम बंद कर दिया था, क्योंकि मरीजों को मिचली और उल्टी जैसे साइड इफेक्ट्स हुए थे और कई ने ट्रायल छोड़ दिया था। इससे पहले भी Pfizer को एक और मोटापा कम करने वाली दवा का ट्रायल बंद करना पड़ा था, क्योंकि वह भी लिवर से जुड़ी समस्याओं से जुड़ी पाई गई थी।
भविष्य को लेकर बढ़ी चिंता
Danuglipron को रोकने के बाद अब Pfizer पर निवेशकों का दबाव बढ़ गया है। कंपनी के CEO अल्बर्ट बोरला ने कई बार कहा है कि उनकी दवा ग्रोथ पाइपलाइन में भविष्य की ग्रोथ की काफी संभावना है। लेकिन सच्चाई यह है कि कंपनी के कई बड़े दवाओं के पेटेंट जल्द खत्म हो रहे हैं, जिससे Pfizer को सालाना करीब 15 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।
नया कारोबार नहीं पकड़ पा रही कंपनी
Pfizer ने हाल के वर्षों में कई बायोटेक कंपनियों को खरीदा है ताकि नए इनोवेशन किए जा सकें। लेकिन अभी तक इनमें से किसी ने भी कोई बड़ी दवा बाजार में नहीं उतारी है। कोविड महामारी के समय Pfizer की जबरदस्त सफलता और मुनाफे के बाद, अब इसकी हालत काफी बदल गई है — कंपनी का स्टॉक प्राइस अपने ऊपरी स्तर से 60% तक गिर चुका है।