बिस्कुट निर्माता कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने चेन्नई संयंत्र में 7 अप्रैल से उत्पादन कार्य बंद कर दिया है।
कंपनी के चेन्नई संयंत्र की क्षमता 1000 टन प्रति महीने की है। उत्पादन में कमी को पूरा करने के लिए कंपनी ने अपने अन्य संयंत्रों और बाहरी स्रोतों के जरिये उत्पाद प्राप्त करने की योजना बनाई है। फिलहाल ब्रिटानिया की निर्माण क्षमता 48,000 टन प्रति महीने है।
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के मुख्य वित्तीय अधिकारी दुर्गेश मेहता ने कहा, ‘यह हमारी निर्माण रणनीति का एक हिस्सा है और हम सोर्सिंग पर आने वाली लागत में कमी लाने के लिए चेन्नई संयंत्र को बंद कर रहे हैं। इस संयंत्र में कर्मचारियों की संख्या 200 है और इनके वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति स्कीम) पर आने वाला खर्च तकरीबन 3 करोड़ रुपये होगा।’
ब्रिटानिया की प्रबंध निदेशक विनीता बाली ने कहा, ‘सच कहें तो इस तालाबंदी से हम अपने वित्तीय परिणामों पर किसी विपरीत प्रभाव की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।’ चेन्नई में कंपनी के कई कर्मचारी पहले ही वीआरएस योजना स्वीकार कर चुके हैं।
यह ब्रिटानिया का दूसरा संयंत्र है जिसमें उत्पादन बंद किया गया है। इससे पहले श्रम संबंधी समस्याओं से जूझ रही मुंबई इकाई को तालाबंदी का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई में संयंत्र के कर्मचारियों और कंपनी के बीच यह विवाद बंबई उच्च न्यायालय तक पहुंच गया।