अमेरिका में प्रिंट मीडिया की आउटसोर्सिंग के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
भारत की आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज और एक दिग्गज अमेरिकी अखबार समूह के बीच आउटसोर्सिंग अनुबंध को लेकर मचा बवाल इसका ताजा उदाहरण है।
इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज और अमेरिकी अखबार समूह के बीच आउटसोर्सिंग करार को लेकर पैदा हुए विरोध से प्रबंधन सूचना प्रणालियों (एमआईएस) और इससे जुड़े कार्यों को भारत आउटसोर्स किए जाने को लेकर चुनौती पैदा हो गई है। लेकिन आउटसोर्सिंग की हवा में बहने को तैयार कंपनियां इससे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
अधिकारियों के मुताबिक इन्फोसिस ने पिछले महीने मिसौरी के दैनिक ‘कंसास सिटी स्टार’ के साथ एडवरटाइजिंग आउटसोर्सिंग समझौता किया। मैकक्लैची कंपनी के तहत चलाया जाने वाला यह अखबार अपने नए मीडियाडिजिटल व्यवसाय के लिए एडवरटाइजिंग प्रोडक्शन कार्य बेंगलुरु के लिए आउटसोर्स करेगा। मैकक्लैची कंपनी ‘मियामी हेराल्ड’ का भी प्रकाशन करती है।
क्या होगा असर
इस उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने दावा किया कि यह अखबार इन्फोसिस को अपनी पूरी डिजिटल एडवरटाइजिंग टीम की आउटसोर्सिंग करेगा। सिटी स्टार की वेबसाइट पर इसके अध्यक्ष और प्रकाशक मार्क जीमान ने लिखा है कि अखबार के विज्ञापन सेवा विभाग में कर्मचारियों की संख्या घटाए जाने की संभावना है।
उन्होंने लिखा है, ‘हमारे उद्योग में हो रहे ऐतिहासिक बदलाव के साथ स्टार हर क्षेत्र में और अधिक दक्षता लाने के लिए उपायों की खोज जारी रखेगा। प्रिंट और ऑनलाइन विज्ञापनदाताओं से संबंधित क्रिएटिव कार्य का संचालन घरेलू स्तर पर जारी रखा जाएगा। हमारे विज्ञापन ग्राहकों के लिए हमारे स्थानीय बिक्री एवं डिजाइन प्रतिनिधियों की सेवा जारी रहेगी।’
वैसे जीमान ने इस समझौते के बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। इन्फोसिस के एक प्रवक्ता से जब इस संबंध में बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने स्टार के साथ समझौते की अवधि एवं शर्तों के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। प्रवक्ता का कहना था कि कंपनी व्यक्तिगत अनुबंधों को लेकर पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं देगी।
इससे पहले भी हुए प्रयास
इन्फोसिस इस मामले में एकमात्र कंपनी नहीं है। अमेरिका में सबसे बड़े मीडिया समूह और मियामी हेराल्ड, द स्टार ट्रिब्यून, सेक्रामेंटो बी और रालेग न्यूज ऐंड ऑब्जर्वर जैसे प्रकाशन चलाने वाली होल्डिंग्स ऑफ मैकक्लैची भी आउटसोर्सिंग की बयार में बह चली है।
इन पहले तीन अखबारों ने अपने एडवरटाइजिंग प्रोडक्शन का एक बड़ा हिस्सा गुड़गांव में प्रोडक्शन सेंटर चलाने वाली कंपनी एक्सप्रेस केसीएस को आउटसोर्स किया है। इसी तरह मीडियान्यूज गु्रप इंक. के ‘सैन जोस मरकरी न्यूज’ जैसे कई प्रकाशन केसीएस की ग्राहक सूची में शामिल हो चुके हैं, जो कंपनी की आउटसोर्सिंग सेवाएं एडवरटाइजिंग प्रोडक्शन के लिए विदेशों में लेते हैं।
इस वर्ष फरवरी में प्रकाशन कंपनी ‘गैनेट कंपनी इंक.’ ने रोचेस्टर डेमोक्रेट ऐंड क्रॉनिकल और प्रेस ऐंड सन-बुलेटिन समेत कई समाचार पत्रों के डिजिटल एवं प्रोडक्शन कार्य को बेंगलुरु की 2एडप्रो को आउटसोर्स किया। 2एडप्रो बेंगलुरु की कंटेंट सेवा कंपनी नाइनस्टार्स इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी लिमिटेड की इकाई है। नाइनस्टार्स इन्फोर्मेशन के चेन्नई और कांचीपुरम में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और शोध एवं विकास कार्यों से लैस वैश्विक वितरण केंद्र हैं।
कंपनियों ने किया प्रदर्शन
इससे पहले द मियामी हेराल्ड और सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल (हर्स्ट कम्युनिकेशंस इंक. का प्रकाशन) ने भी अपने एडिटोरियल डिजाइन कार्य, जिसमें कॉपी एडिटिंग और पेज लेआउट कार्य भी शामिल है, को नई दिल्ली की माइंडवर्क्स को आउटसोर्स करने की योजना बनाई थी।
लेकिन इसके स्टाफ और स्थानीय प्रेस के कड़े विरोध के कारण दोनों प्रकाशन कंपनियों ने तुरंत यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी। अब एडवरटाइजिंग एग्जीक्यूटिव, एड प्रोडक्शन डिजाइनरों और ग्राफिक कलाकारों के लिए उनकी नौकरियां भारत आउटसोर्स किए जाने की योजना से मुसीबत पैदा हो गई है।
बढ़ता उद्योग
इस उद्योग के जानकारों के मुताबिक मल्टीमीडिया डिजिटाइजेशन सेवाओं, जिनमें डिजिटल एडवरटाइजिंग प्रोडक्शन और एडिटिंग भी शामिल है, का वैश्विक बाजार मौजूदा समय में 8,000 करोड़ रुपये का है, जो सालाना 30 प्रतिशत से बढ़ रहा है।