रिलायंस इंडस्ट्रीज बेचेगी गैस ब्लॉक में हिस्सेदारी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:26 PM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपने महत्वपूर्ण डी 6 ब्लॉक से गैस के उत्पादन की तैयारी करने के साथ ही इसमें हिस्सेदारी बेचने की तैयारी भी कर रही है।


कंपनी ने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की 4 तेल कंपनियों को न्योता भी भेज दिया है।विदेशियों को न्योताइस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘डी 6 ब्लॉक में हिस्सेदारी लेने के लिए ब्रिटिश गैस, शेव्रॉन, एक्सॉन और शेल को आमंत्रित किया गया है।


इस ब्लॉक में 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेची जा सकती है।’मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने गोल्डमैन सैक्स को इस सौदे के लिए सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि इस ब्लॉक को विशेष उद्देश्य वाली कंपनी का रूप देने के बाद ही यह हिस्सेदारी बेची जाएगी।


फिलहाल इस ब्लॉक में आरआईएल की 90 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी कनाडा की कंपनी निको रिसोर्सेज के हाथ में है। सरकार की नई खोज एवं लाइसेंसिंग नीति (नेल्प 1) के पहले दौर में वर्ष 2000 में दोनों कंपनियों को यह ब्लॉक मिला था।आरआईएल इसी साल के अंत में इस ब्लॉक से 2 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस का उत्पादन शुरू करने वाली है। साल भर के अंदर ही उत्पादन की दर को 8 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन तक पहुंचा दिया जाएगा।


फिलहाल देश में रोजाना इतनी ही गैस का उत्पादन किया जा रहा है।डी 6 ब्लॉक में हिस्सेदारी बेचने की आरआईएल की मंशा के बारे में साल भर से कयास लगाए जा रहे थे। गहरे पानी में मौजूद गैस ब्लॉकों में हिस्सेदारी बेचने पर कई कंपनियां विचार कर रही हैं।


प्रमुख तेल कंपनी ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) भी ब्राजील की पेट्रोब्रास, नॉर्वे की नोर्स्कहाइड्रो और इटली की ईएनआई को हिस्सेदारी बेच चुकी है। लेकिन आरआईएल ने अब तक ऐसा नहीं किया।ओएनजीसी ने अपनी गैस में उन्नत तकनीक वाली विदेशी कंपनियों को हिस्सेदार बनाया है, लेकिन आरआईएल ने हिस्सेदारी बेचे बिना ही अपने ब्लॉक का विकास कर लिया।


जानकारों के मुताबिक अब ब्लॉक उत्पादन के लिए तैयार है, इसलिए कंपनी तकनीक को लेकर बहुत चिंता नहीं करेगी और उसी आधार पर हिस्सेदारी भी नहीं बेचेगी।तगड़ा मुनाफाआरआईएल और निको इस ब्लॉक के विकास पर लगभग 200 अरब रुपये भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं। उत्पादन शुरू होने के बाद दोनों कंपनियां इसके रखरखाव पर लगभग 122 अरब रुपये खर्च करेंगे। अनुमानों के मुताबिक इस ब्लॉक की गैस बेचने से कंपनियों को 640 अरब रुपये से भी ज्यादा का मुनाफा होगा। इसीलिए दूसरी कंपनियां भी इस ओर आ रही हैं।

First Published : April 15, 2008 | 2:55 AM IST