अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर (Reliance Power) ने भूटान की कंपनी ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स (DHI) के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया है। यह प्रोजेक्ट 500 मेगावाट का होगा और इसकी कुल लागत लगभग 2000 करोड़ रुपये होगी। यह काम 50:50 की साझेदारी में होगा, जिसमें दोनों कंपनियां मिलकर इसे बनाएंगी और चलाएंगी।
यह प्रोजेक्ट भूटान के सोलर क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निजी निवेश माना जा रहा है। रिलायंस पावर ने इस प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक लंबी अवधि के पावर पर्चेज एग्रीमेंट (PPA) पर भी साइन किए हैं। ग्रीन डिजिटल, DHI की एक कंपनी है।
रिलायंस पावर ने बताया कि यह सोलर प्रोजेक्ट भारत-भूटान आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा। कंपनी ने कहा कि रिलायंस ग्रुप अपनी साफ ऊर्जा के क्षेत्र को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। फिलहाल रिलायंस पावर के पास सोलर एनर्जी और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में 2.5 गीगावाट की क्षमता है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा प्लेयर बनाती है।
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इस प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली को ग्रीन डिजिटल को लंबी अवधि के अनुबंध के तहत बेचा जाएगा। रिलायंस पावर ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ठेकेदारों की खोज भी शुरू कर दी है। यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2024 में रिलायंस एंटरप्राइजेज (रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की साझेदारी) और DHI के बीच हुए रणनीतिक समझौते का हिस्सा है। उस समझौते में 500 मेगावाट सोलर प्लांट के साथ-साथ 770 मेगावाट का चामखार्चू-1 हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भी शामिल था।