उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड ने इंडोनेशिया में एक कोयला खदान विकसित करने के लिए 2600 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी जयराम चलासानी ने मुंबई में एक साक्षात्कार में कहा कि परियोजना के खर्च में रेलवे, जेट्टी और दक्षिणी सुमात्रा प्रांत से दक्षिण भारत में बन रहे विद्युत स्टेशन तक कोयला लाने का खर्च भी शामिल है।
कंपनी द्वारा नवंबर में कृष्णापटनम में जेनरेटर के निर्माण के लिए ठेका हासिल किए जाने के बाद से आस्ट्रेलियाई निर्यात के लिए कोयला की कीमत में जबर्दस्त उछाल आया है। कीमत में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कोयला 5237 रुपये प्रति टन हो गया है। यह जेनरेटर अगले 30 वर्षों के लिए फिक्स्ड कीमत पर बिजली की आपूर्ति करेगा।
मुंबई की बिड़ला सन लाइफ एसेट मैनेजमेंट कंपनी 3200 करोड़ रुपये के शेयरों के प्रबंधन से जुड़े महेश पाटिल ने कहा, ‘तेल संयोजन और कोयला संपदा हासिल करना रिलायंस के लिए निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल है। लेकिन इसका कार्यान्वयन एक चुनौती बना हुआ है।’ आंकड़ों के मुताबिक बिड़ला सन लाइफ फंड्स ने 31 मार्च को रिलायंस पावर के 127,686 शेयरों की बिक्री की।
आस्ट्रेलिया में बाढ़, चीन में तूफान और दक्षिण अफ्रीका में विद्युत संकट से आपूर्ति बाधित होने के कारण 15 फरवरी को समाप्त हुए दूसरे सप्ताह में कोयला की वैश्विक कीमतें बढ़कर 5680 रुपये प्रति टन पर पहुंच गईं।
जरूरतों की पूर्ति रिलायंस पावर ने आपूर्ति मांग में बढ़ोतरी को ध्यान में रख कर देश में पांच वर्षों में 1120 अरब रुपये के निवेश से 13 संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है।