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भारतीय कॉर्पोरेट जगत को राहत, प्रतिस्पर्धा आयोग के तहत विलय अधिग्रहण के लिए सीमा बढ़ी

Competition Act: 450 करोड़ रुपये से कम परिसंपत्ति या 1,250 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाले विलय-अधिग्रहण को सीसीआई की मंजूरी की जरूरत नहीं

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- March 08, 2024 | 11:14 PM IST

भारतीय कंपनी जगत को राहत देते हुए कंपनी मामलों के मंत्रालय ने विलय-अधिग्रहण के मामलों में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से आवश्यक मंजूरी की सीमा बढ़ा दी है। ताजा अधिसूचना में कंपनी मामलों के मंत्रालय ने थोक कीमत सूचकांक और रुपये की विनिमय दर के आधार पर विलय-अधिग्रहण की कीमत सीमा में 150 फीसदी का इजाफा कर दिया है।

एक अन्य अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा है कि अगर अधिग्रहण के लिए लक्षित परिसंपत्ति की कीमत 450 करोड़ रुपये से कम है या उसका कारोबार 1,250 करोड़ रुपये से कम है तो ऐसे विलय के लिए सीसीआई की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। यह राहत आधिकारिक गैजेट में प्रकाशित होने की तारीख से दो साल के लिए वैध होगी।

किंग, स्टब ऐंड कासिवा की पार्टनर सुनयना बसु मलिक ने कहा, ‘जनहित में कार्य करते हुए केंद्र सरकार विशिष्ट गतिविधियों से जुड़े उद्यमों को प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत छूट देती है। इनमें धारा-5 के क्लॉज (ए) के मुताबिक अधिग्रहण, धारा-5 के क्लॉज (बी) के तहत किसी व्यक्ति की तरफ से एंटरप्राइज पर अधिग्रहण के जरिये नियंत्रण और धारा 5 के तहत क्लॉज (सी) के तहत विलय या अधिग्रहण शामिल होते हैं’।

प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा-5 के मुताबिक एक या एक से अधिक एंटरप्राइज के अधिग्रहण या विलय या एकीकरण (जो तय सीमा को पार करते हों) के मामलों में अधिनियम के मकसद के तहत यह संयुक्त माना जाएगा।

ऐसा परिदृश्य जहां किसी एंटरप्राइज का हिस्से या डिविजन का अधिग्रहण, विलय या एकीकरण हुआ हो वहां प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 5 के तहत सीमा की गणना लेनदेन में शामिल उस हिस्से की वैल्यू पर निर्भर करेगी।

First Published : March 8, 2024 | 11:14 PM IST