साउथ कोरिया की दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी सैमसंग (Samsung) भारत में स्मार्टफोन असेंबल करके विदेश भेजने वाली सबसे बड़ी इंडिविजुअल कंपनी बन गई है। Samsung ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों के पछाड़ कर पहली रैंक हासिल किया है। अगर दूसरी कंपनियों की भी बात करें, जो भारत में स्मार्टफोन असेंबल कर निर्यात कर रही हैं, तो उनमें बड़ा नाम ताइवान की कंपनियों का आता है। ताइवान की उपकरण मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) कंपनियां, फॉक्सकॉन (Foxconn), विस्ट्रॉन (Wistron) और पेगाट्रॉन (Pegatron) देश में ऐप्पल इंक (Apple Inc ) के लिए आईफोन असेंबल करती हैं, लेकिन ये कंपनियां भी Samsung के पीछे ही हैं।
कितना स्मार्टफोन Samsung करती है निर्यात?
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस (S&P Global Market Intelligence) के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 (FY22-23) में, सैमसंग ने भारत से 4.09 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए जो 2021 के मुकाबले 42 फीसदी ज्यादा है। साल 2021 में सैमसंग ने भारत से 2.8 अरब डॉलर के स्मॉर्टफोन निर्यात किए थे, जो सभी स्मार्टफोन निर्यात का 35 फीसदी था। 2018 में इसका निर्यात मात्र 0.7 अरब डॉलर का था।
भारत से ज्यादा वियतनाम से सैमसंग का निर्यात
वोल्जा (Volza) ने निर्यात को लेकर लेटेस्ट डेटा जारी किया है जिसके आधार पर, 3 अगस्त तक ग्लोबल स्तर पर सैमसंग के मोबाइल डिवाइसेज के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत थी। इसका मतलब यह है कि दुनियाभर में सैमसंग जितने भी मोबाइल फोन की सप्लाई कर रही है उसमें से 18 फीसदी सिर्फ भारत से हो रही है। भारत से भी ज्यादा फोन अगर सैमसंग किसी देश से निर्यात करती है तो वह है वियतनाम। कोरियाई कंपनी सैमसंग ने वियतनाम में बड़ा दांव लगाया है और अपने फोन के ग्लोबल प्रोडक्सन का आधा हिस्सा यहां ही बनाती है।
वैल्यू के मामले में भारत का हिस्सा काफी कम
अगर वैल्यू के हिसाब से बात करें तो कैलेंडर वर्ष 2022 में, सैमसंग वियतनाम (Samsung Vietnam) ने पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (completely built units-CBU) के रूप में 31.42 अरब डॉलर मूल्य के फोन निर्यात किए, जो देश के कुल मोबाइल निर्यात (33.3 अरब डॉलर) का 95 प्रतिशत है। इसलिए, जब निर्यात मूल्य की बात आती है, तो India का वित्त वर्ष 2023 में वियतनाम से कंपनी के निर्यात का केवल सातवां हिस्सा है।
Apple भी जमकर कर रहा भारत से निर्यात
इस बीच, वित्त वर्ष 23 में Apple Inc का लगभग 7 प्रतिशत उत्पादन मूल्य (production value) भारत में स्थानांतरित (शिफ्ट) हो गया है, जिसमें से बड़ा हिस्सा निर्यात के लिए है।
क्या है Apple का इंडिया मॉडल?
ऐप्पल इंक सैमसंग से एक अलग मॉडल को फॉलो करता है। Apple भारत में अपने फोन की मैन्युफैक्चरिंग या असेंबलिंग नहीं करता है बल्कि विक्रेताओं (वेंडर्स) के माध्यम से काम करता है। भारत में Apple के विक्रेता फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन हैं।
इंडिविजुअल कंपनियों के मामले में, Foxconn की हॉन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री (Hon Hai Precision Industry) निर्यात में दूसरे स्थान पर है, जिसने वित्त वर्ष 2013 में 2.06 अरब डॉलर के स्मार्ट फोन का निर्यात किया है। इसके ठीक पीछे विस्ट्रॉन है, जिसका निर्यात 1.98 अरब डॉलर है। पेगाट्रॉन को वित्त वर्ष 23 में 1.36 अरब डॉलर के iPhone का निर्यात करना है। बतादें कि पेगाट्रॉन ने एक साल से ज्यादा समय बाद अपनी फैक्टरी शुरू की।
इन तीनों कंपनियों ने सामूहिक रूप से (collectively) 5.4 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो भारत से स्मार्टफोन निर्यात का 45.7 फीसदी है।
S&P डेटा के आधार पर, देश से स्मार्टफोन का कुल निर्यात 11.81 अरब डॉलर का था।
S&P ने यह भी बताया कि भारत में टेलीकॉम कंपोनेंट्स (जिसमें स्मार्ट फोन भी शामिल हैं) का आयात तेजी से बढ़ रहा है, जबकि अधिक फोन निर्यात किए जा रहे हैं। इसलिए वित्त वर्ष 23 में माइक्रो प्रोसेसर, मेमोरी डिवाइस और कंपोनेंट्स का आयात सामूहिक रूप से 23.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मोबाइल फोन में मूल्यवर्धन (Value addition) 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक के बीच होने के साथ थोड़ा कम है।