रैनबैक्सी-एस्ट्रा में होर् गई सुलह

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:42 PM IST

दवा बनाने वाली नामी कंपनी रैनबैक्सी और यूरोपीय बहुराष्ट्रीय कंपनी एस्ट्रोजेनेका के बीच पेटेंट पर  छिड़ी कानूनी जंग आज खत्म हो गई।


दोनों कंपनियां इसके लिए अदालत से बाहर समझौता करने को राजी हो गईं।समझौते के साथ ही एस्ट्राजेनेका की दवा एसोमेप्राजोल को बेचने का अधिकार रैनबैक्सी को मिल गया। नेक्सियम ब्रांड के तहत बेची जाने वाली एसोमेप्राजोल अमेरिका में दूसरी सर्वाधिक बिकने वाली दवा है। इसकी कुल सालाना बिक्री 220 अरब रुपये की है।


इस समझौते के तहत रैनबैक्सी को 27 मई 2014 से 180 दिनों के लिए एसोमेप्राजोल की सस्ती दर पर बिक्री शुरू करने का अधिकार होगा। 27 मई 2014 को नेक्सियम पर अस्ट्राजेनेका के पेटेंट की अवधि समाप्त हो रही है। यह सौदा रैनबैक्सी को मई 2009 से नेक्सियम के निर्माताओं को कच्चे पदार्थों की आपूर्ति अस्ट्राजेनेका को करने की अनुमति देगा। इस समझौते से 6 वर्षों की अवधि में रैनबैक्सी को 5 करोड़ रुपये से 6 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।


दोनों कंपनियों ने प्लेंडिल (फेलोडिपाइन) के अधिकृत जेनरिक वर्सन और 40एमजी प्रीलोसेक (ओमेप्राजोल) दवाओं के लिए रैनबैक्सी को अमेरिकी वितरण के तौर पर नियुक्त किण् जाने के लिए भी समझौता किया है। रैनबैक्सी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मलविंदर मोहन सिंह ने कहा, ‘हमने अमेरिकी बाजार में नेक्सियम के अपने जेनरिक वर्सन को लांच करने की संभावना से यह समझौता किया है। 2008 में रैनबैक्सी का यह दूसरा बड़ा सौदा और पिछले दो वर्षों में ऐसा पांचवां समझौता है।’

First Published : April 16, 2008 | 1:33 AM IST