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सिलिकन वैली बैंक संकट का भारतीय स्टार्टअप पर असर कम लेकिन फिक्र कायम

Published by
आर्यमान गुप्ता
Last Updated- March 13, 2023 | 10:56 PM IST

ब्रिटेन सरकार को HSBC द्वारा सिलिकन वैली बैंक (SVB) की इकाई का अ​धिग्रहण कराने में सफलता मिलने से भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने राहत की सांस ली है। अब सभी की नजरें इस संबंध में अमेरिकी नियामक द्वारा उठाए जाने वाले आगामी कदमों पर टिकी हैं।

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) सभी जमाकर्ताओं को पूरी तरह सुर​क्षित बनाने में सक्षम रहा है। जमाकर्ताओं को 13 मार्च से अपने पैसे तक पहुंच बनाने का अवसर मिलने लगा है।

नजारा टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एवं मुख्य कार्या​धिकारी नितीश मित्रसेन का मानना है कि उन नए स्टार्टअप के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हैं जिनके लिए SVB एकमात्र बैंकिंग भागीदार है। उन्होंने कहा, ‘कोष कब उपलब्ध होगा, इसके आधार पर नकदी प्रवाह की समस्या निर्भर कर सकती है। फिलहाल, स्टार्टअप में सबसे बड़ी चिंता त्वरित अल्पाव​धि नकदी जरूरतों के प्रबंधन की है।’

SVB संकट से प्रभावित कंपनियों में नजारा टेक्नोलॉजीज मुख्य रूप से शामिल है। इस सूचीबद्ध कंपनी ने शुरू में नियामक को भेजी जानकारी में कहा था कि उसकी दो सहायक इकाइयों – किड्डोपिया और मीडियावर्क्ज की एसवीबी में लगभग 64 करोड़ रुपये की नकदी जमा है। कंपनी ने दावा किया है कि उसकी ये दोनों सहायक इकाइयां अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं और मुनाफे के साथ साथ नकदी प्रवाह में सक्षम हैं।

मित्रसेन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘SVB संकट की वजह से हमें अपने दैनिक परिचालन, व्यावसायिक प्रदर्शन और विकास योजनाओं पर प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।’ लेकिन सभी के लिए हालात नजारा के समान नहीं हो सकते।

सास दिग्गज फ्रेशवर्क के एक बयान में कहा गया है, ‘हम अपने ग्राहकों और उन लोगों के साथ काम कर रहे हैं, जो वैक​ल्पिक बैंक खातों के तौर पर हमारे SVB खाते का इस्तेमाल कर रहे थे। हमें अपने कर्मचारियों या ग्राहकों पर किसी तरह का प्रभाव पड़ने का खतरा नहीं दिख रहा है।’

हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की त्वरित प्रतिक्रिया से कई स्टार्टअप में पूंजीगत नुकसान की आशंका दूर हुई है, लेकिन इस संकट से पैदा हुई चिंताएं बरकरार हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मामलों के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘अमेरिकी सरकार के कदम से भारतीय स्टार्टअप पर मंडरा रहा जो​खिम समाप्त हुआ। इस संकट से भारतीय स्टार्टअप को मिली सीख- भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर ज्यादा भरोसा करें।’

हालां​कि कई स्टार्टअप अपनी बैंक जमाओं को वि​भिन्न बैंकों में स्थानांरित करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों ने कंपनियों को SVB से जमाएं नहीं निकालने का सुझाव दिया है।

वी फाउंडर सर्किल के सह-संस्थापक गौरव वी के सिंघवी का कहना है, ‘हमें यह समझना होगा कि ये स्टार्टअप बेहद छोटे दायरे में परिचालन करते हैं और यदि समय पर वे अपना पैसा नहीं निकाल पाते हैं तो यह संकट उनकी राह बा​धित कर सकता है।’

First Published : March 13, 2023 | 10:56 PM IST