शेयरों के आसमान में स्पाइसजेट की उड़ान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:44 AM IST

भारत के आसमान में उड़ान भरने को घाटे का सौदा बताने वालों को कम किराये वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट के शेयरों की उड़ान देखकर वाकई हैरत होगी।


विस्तार के लिए रकम जुटाने के फेर में स्पाइसजेट ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात क्या कही, खरीदारों की कतार लग गई। खरीदार भी छोटे-मोटे नहीं, किंगफिशर एयरलाइंस के मुखिया विजय माल्या से लेकर विल्बर रोस जैसी अमेरिकी निवेशक कंपनियों और गोल्डमैन सैक्स के नाम भी इस फेहरिस्त में बताए जाने लगे।

माल्या तो इस खरीद के लिए शेयरों के साथ नकदी भी देने को तैयार नजर आए। उन्होंने हिस्सेदारी खरीदने के लिए 200 करोड़ रुपये नकद और 3 के एवज में 1 शेयर देने की पेशकश कर डाली है। इसकी वजह स्पाइसजेट को किंगफिशर एयरलाइंस में मिलाने की उनकी बेकरारी ही है। हालांकि दूसरे विकल्प पर भी विचार हो रहा है। इसके तहत विल्बर रोस जैसी कंपनियों को तकरीबन 14.9 फीसद हिस्सेदारी बेचकर कंपनी  280 से 320 करोड़ रुपये हासिल कर लेगी।

माना जा रहा है कि स्पाइसजेट के प्रमोटर कंसाग्रा परिवार ने अब अपना इरादा बदल दिया है। नकदी की जरूरत पूरी करने के लिए कंसाग्रा अब लगभग 400 करोड़ रुपये के नए शेयर विल्बर रोस के नाम पर जारी करने की सोच रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर कंसाग्रा परिवार कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि माल्या भी इस सौदे से पीछे हटने को आसानी से तैयार नहीं होंगे क्योंकि इससे घरेलू विमानन बाजार के 40 फीसद हिस्से पर उनका कब्जा हो सकता है यानी किराये तय करने में वह वाकई बादशाह हो जाएंगे।

स्पाइसजेट में फिलहाल विदेशी शेयरधारकों की कुल 38.5 फीसद हिस्सेदारी है। यदि विल्बर रोस और गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनियों को वह 10 फीसद से कुछ ज्यादा हिस्सेदारी बेच देती है, तो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की 49 फीसद की सीमा को वह छू लेगी। सौदा चाहे कोई भी रुख अख्तयार करे, इस हलचल से शेयरधारकों के वारे न्यारे हो गए। स्पाइसजेट के शेयरों में इस पूरे हफ्ते में गजब की उछाल देखी गई। एक-एक दिन में इसके शेयरों की कीमत 10-10 फीसद तक बढ़ी। वह भी ऐसे वक्त में, जब सेंसेक्स औंधे मुंह गिर रहा था।

स्पाइसजेट ने जब पहले 99 दिन में महज 99 रुपये के किराये पर 9000 मुसाफिरों को आसमान की सैर कराने के दावे के साथ कारोबारी शुरुआत की थी, तो इसे बहुत लोगों ने गंभीरता के साथ नहीं लिया था। लेकिन रेलवे के एयरकंडीशंड कोच की टक्कर के किराये पर हवाई सफर कराने वाली इस कंपनी ने जल्द ही चोला बदल लिया।

मई 2005 में सेवाएं शुरू करने वाली स्पाइसजेट को पिछले साल स्काईट्रैक्स ने दक्षिण और मध्य एशिया में सबसे अच्छी कम किराये वाली विमानन कंपनी के खिताब से भी नवाजा था। हालांकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को लगभग 133.50 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 63 करोड़ रुपये ज्यादा है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनी को अभी ऊंची उड़ान भरनी है और हिस्सेदारी खरीदने के नाम पर मची मारामारी भी यही साबित करती है।

First Published : July 11, 2008 | 11:54 PM IST