टूट सकता है स्टरलाइट का असार्को सपना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:03 AM IST

वेदांत समूह की कंपनी स्टरलाइट दिवालिया हो चुकी तांबा खनन कंपनी असार्को को खरीदने की पूरी तैयारी कर चुकी थी, लेकिन एक अमेरिकी अदालत ने उसे तगड़ा झटका दे दिया।


अदालत ने असार्को की पैतृक कंपनी ग्रुपो मेक्सिको को ही कंपनी उबारने का आदेश दिया और इसके लिए नया पैकेज लाने को भी कहा। न्यायाधीश रिचर्ड स्किमिड ने कहा कि गु्रपो मेक्सिको असार्को के लिए अपनी पुनर्गठन योजना पेश कर सकती है जो दिवालिया कंपनी के लिए तीन साल पहले दी गई थी।

इस योजना की स्टरलाइट की बोली से तुलना की जाएगी और इसके बाद अदालत बेहतर प्रस्ताव को मंजूरी देगा। न्यायाधीश ने असार्को के साथ सौदे को खत्म करने के लिए शुल्क के रूप में स्टरलाइट को 208 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है। टर्मिनेशन फीस यानी सौदे को रद्द करने के लिए शुल्क सामान्यतया खरीदार को उस वक्त दिया जाता है जब संबद्ध सौदा पूरा नहीं किया जाता है।

स्टरलाइट के सूत्रों का कहना है कि यह फैसला आधा अधूरा है और पूरा फैसला बाद में आएगा। उन्होंने कहा, ‘इस आदेश का अध्ययन करने के बाद उच्चतम न्यायालय अपना फैसला देगा।’ इस अधिग्रहण के बाद स्टरलाइट विश्व की तीसरी सबसे बड़ी तांबा खनन कंपनी बन जाएगी। स्टरलाइट ने असार्को की संपत्ति 104 अरब रुपये में खरीदने का प्रस्ताव रखा था। 30 मई को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में विजेता बनकर उभरने वाली ग्रुपो मेक्सिको, स्विस कंपनी ग्लेनकोर इंटरनेशनल एजी और हार्बिंगर कैपिटल पार्टनर्स ऐंड सिटीग्रुप जैसी कंपनियों में स्टरलाइट भी शामिल थी।

उधर असार्को के वकील जैक किंजी ने न्यायाधीश के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा है, ‘ न्यायाधीश स्किमिड का फैसला तर्कसंगत है। स्टरलाइट के लिए टर्मिनेशन फीस को न्यायाधीश की मंजूरी से सभी इच्छुक कंपनियों में सकारात्मक संकेत जाएगा।’

First Published : July 3, 2008 | 10:37 PM IST