भारत की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कहना है कि टारो फार्मा के साथ विलय समझौता सफल नहीं होने की स्थिति में कंपनी जबरिया अधिग्रहण करने को भी तैयार है।
मुंबई स्थित सन फार्मा ने एक बयान में कहा है कि कंपनी अगले कुछ दिनों में टारो के सभी शेयरों की खरीद के लिए 310 रुपये प्रति शेयर का ऑफर देगी। गौरतलब है कि टारो ने मई में ही सन फार्मा की ओर से जारी विलय समझौते को नकार दिया था।
टारो के अधिग्रहण से सन फार्मा को अमेरिका में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी, जहां जेनरिक दवाओं का बहुत बड़ा बाजार है। यही वजह है कि सन फार्मा अपने विस्तार के लिए टारो का साथ चाहती है। उधर, सन फार्मा ने 2007 में हुए विलय समझौते का हवाला देते हुए कहा है कि टारो के चैयरमैन बैरी लेविट ने उसे यह विकल्प मुहैया कराया था कि अगर विलय समझौता टूटता है, तो सन फार्मा टारो के सभी शेयर खरीद सकती है।
हालांकि इस बारे में टारो फार्मा के प्रतिनिधि रोने कुलाकॉफ ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सन फार्मा का कहना है कि मई 2007 में उसने टारो को 230 मिलियन डॉलर नकद और 224 मिलियन डॉलर कर्ज के रूप में देने की बात कही थी। कंपनी के मुताबिक, इसके तहत सन फार्मा की ओर से टारो को पहले ही 60 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जा चुका है।
सन फार्मा के चेयरमैन दिलीप सांघवी का कहना है कि डॉ. लेविट की ओर से इस डील में पहले ही बहुत देरी की जा चुकी है। इस बारे में सन फार्मा की ओर से टारों के निदेशक मंडल के विरुद्ध न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।
सन फार्मा ने एक बयान में कहा है कि कंपनी अगले कुछ दिनों में टारो के सभी शेयरों की खरीद के लिए 310 रुपये प्रति शेयर का ऑफर देगी – दिलीप सांघवी