सुनील भारती मित्तल की कंपनी एयरटेल के दौड़ से बाहर होने के बाद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अब दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख दूरसंचार कंपनी एमटीएन को हथियाने की कवायद तेज कर दी है।
दोनों कंपनियां इस मुद्दे पर संभावनाएं तलाशने के लिए 45 दिनों तक बातचीत करने पर सहमत हो गई हैं। इस दौरान अधिग्रहण की इच्छुक अन्य कंपनियों से एमटीएन कोई बात नहीं करेगी।
करीब तीन हफ्ते तक भारती एयरटेल एमटीएन के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल रहीं, लेकिन दो दिनों पहले उसने इस दौड़ से खुद को बाहर कर लिया। उसके बाद रिलायंस कम्युनिकेशंस ने एमटीएन से बातचीत शुरू की और कंपनी ने अपने शेयरधारकों से शेयरों की खरीद-बिक्री करते समय सतर्कता बरतने को कहा है।
यदि बातचीत सफल रहती है, तो एमटीएन और रिलायंस कम्युनिकेशंस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हो जाएगी और 23 देशों में इनका नेटवर्क होगा और दोनों कंपनियों के ग्राहकों की संख्या करीब 11.5 करोड़ हो जाएगी।
इस सौदे से दोनों कंपनियों की कुल परिसंपत्तियां 147,000 करोड़ रुपये की हो जाएंगी, जबकि परिचालन लाभ 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। सूत्रों का कहना है कि भारती एयरटेल में 70 फीसदी विदेशी निवेश है, जिसकी वजह से एमटीएन के साथ सौदा नहीं हो सका।
वहीं रिलायंस कम्युनिकेशंस में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 7 से 8 फीसदी ही है। ऐसे में एमटीएन के शेयरधारकों को हिस्सेदारी देने में रिलायंस कम्युनिकेशंस को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वैसे, मित्तल का कहना है कि नियामक के मुद्दे पर कोई समस्या नहीं थी।
एमटीएन-रिलायंस कम्युनिकेशंस 45 दिनों में बातचीत करने पर सहमत
सौदा हुआ, तो दोनों का 23 देशों में होगा नेटवर्क
दोनों कंपनियों की दुनियाभर में ग्राहकों की संख्या होगी करीब 11.5 करोड़