टाटा समूह बंगलादेश में 120 अरब रुपये की अपनी परियोजनाओं के लिए अपनी ईंधन योजना में बदलाव ला सकता है।
समूह को बंगलादेश सरकार की ओर से अपनी परियोजनाओं के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति का आश्वासन नहीं मिलने के कारण ऐसा करना पड़ सकता है। बंगलादेश सरकार ने एक बैठक में कहा है कि वह अभी भारतीय समूह के संयंत्रों के लिए अतिरिक्त गैस मुहैया नहीं करा सकती।
सरकार के एक प्रतिनिधि ने बताया कि टाटा को जल्द घोषित होने वाली कोयला नीति का इंतजार करना पड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक कोयला नीति से टाटा को बांग्लादेश में कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के निर्माण में मदद मिल सकती है। जब तक सरकार से प्राकृतिक गैस आपूर्ति का आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक टाटा समूह इस्पात एवं उर्वरक संयंत्रों को लेकर आगे बढ़ने को इच्छुक नहीं है।
टाटा संस के कार्यकारी निदेशक एलन रोजलिंग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘प्राकृतिक गैस की गारंटी के बिना हम परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ा सकते। पिछले कुछ वर्षों से ये परियोजनाएं रुकी हुई हैं और बांग्लादेश सरकार के साथ ताजा बैठकों का कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है।’