स्टाफिंग फर्म टीमलीज सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में कमी दर्ज की। कंपनी का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही के 32 करोड़ रुपये से तिमाही आधार पर 9 प्रतिशत घटकर 29 करोड़ रुपये रह गया।
वहीं सालाना आधार पर इसमें पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5 प्रतिशत की कमी आई। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 30 करोड़ रुपये था।
दिसंबर में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 2,108 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022 की समान अवधि के दौरान 1,767 करोड़ रुपये था। कंपनी का एबिटा तीसरी तिमाही में 16 प्रतिशत घटकर 32 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 38 करोड़ रुपये था।
टीमलीज के प्रबंध निदेशक अशोक रेड्डी ने कहा, ‘जनरल स्टाफिंग में कमजोर त्योहारी मांग और स्पेशलाइज्ड स्टाफिंग में समस्याओं की वजह से इस तिमाही हमारी वृद्धि दर तिमाही तथा सालाना आधार, दोनों के संदर्भ में प्रभावित हुई।’
उन्होंने कहा, ‘कमजोर मांग, प्राप्तियों पर दबाव, एनईईएम प्रभाव की वजह से आगामी तिमाहियों में मार्जिन को लेकर चुनौती बढ़ेगी। कर्मचारियों की संख्या डिजिटलीकरण और सख्त लागत नियंत्रण की वजह से 9 प्रतिशत तक घटी है।’
कंपनी अगले सप्ताह इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद पर भी विचार कर रही है। कंपनी ने नियामक को दी जानकारी में कहा है, ‘हम आपको यह बताना चाहते हैं कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक शुक्रवार, 3 फरवरी, 2023 को होनी है, जिसमें अन्य संबद्ध मामलों के साथ साथ कंपनी के इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी।’
जनरल स्टाफिंग के संदर्भ में, टीमलीज ने दावा किया है कि उसने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 3,000 कर्मचारी जोड़े, जो तिमाही आधार पर 1 प्रतिशत और सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि है।
कंपनी ने कहा, ‘जहां अक्टूबर-नवंबर में कर्मियों की संख्या बढ़ी, वहीं दिसंबर में ऊंची एट्रीशन दर की वजह से सिर्फ 3 हजार का इजाफा हुआ।’ आईटी स्टाफिंग में तिमाही आधार पर कर्मियों की संख्या 2 प्रतिशत तक बढ़ी, क्योंकि कंपनी को पेशेवर कर्मियों की संख्या में इजाफा होने से मदद मिली।