भारतीय कार बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है और इस उभरते बाजार में अपना ब्रांड स्थापित करने के लिए बहुत सारी कार कंपनियां बड़े पैमाने पर काम कर रही है।
इसी कड़ी में दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla Inc भी शामिल है, जो भारत में अपने वाहन बेचने के लिए केंद्र सरकार के साथ जल्द एक समझौते पर पहुंच सकती है।
मोदी सरकार देगी इम्पोर्ट की अनुमति
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार अमेरिकी कार कंपनी को अगले साल से भारत में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां को इम्पोर्ट करने की अनुमति दे सकती है और इसके लिए इंपोर्ट ड्यूटी में कमी पर सहमति बन गई है। साथ ही दो साल के भीतर Tesla भारत में अपनी फैक्टरी स्थापित करेगी।
ब्लूमबर्ग को एक व्यक्ति ने पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि इस सन्दर्भ में अगले साल जनवरी में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (Vibrant Gujarat Global Summit) में घोषणा हो सकती है।
गुजरात, महाराष्ट्र या तमिलनाडु में लग सकता है प्लांट
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात समेत महाराष्ट्र और तमिलनाडु में Tesla अपनी फेक्टरी लगा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन राज्यों में पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों और निर्यात के लिए अच्छी तरह से मौजूद इको-सिस्टम हैं।
Tesla इंडिया में अपनी फैक्टरी लगाने के लिए शुरू में कम से कम 2 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकती है। साथ ही भारत से ऑटो पार्ट्स की अपनी खरीद को 15 बिलियन डॉलर तक बढ़ा सकती है। Tesla लागत कम करने के लिए भारत में बैटरियां की मेन्युफेक्चरिंग भी कर सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में फिलहाल कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और योजनाएं बदल भी सकती है। इससे पहले Tesla के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Tesla CEO) एलन मस्क ने जून में कहा था कि टेस्ला की भारत में “महत्वपूर्ण निवेश” करने की योजना है और वह 2024 में यहां आने का इरादा रखते हैं।
भारत में बढ़ रही है EV की मांग
बता दें कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में Tesla का भारत आना एलन मस्क की कार कंपनी के लिए एक वरदान साबित हो सकता है, जिसकी फिलहाल अमेरिका, चीन और जर्मनी में फैक्टरी हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने भी EV की घरेलू मेन्युफेक्चरिंग को बढ़ाने और पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ परिवहन को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
ब्लूमबर्गएनईएफ के अनुसार, सरकार के इन प्रयासों के बावजूद भारत का EV बाजार उस गति से आगे नहीं बढ़ पाया है। पिछले साल भारत में बाइक कुल पैसेंजर वाहनों में बैटरी से चलने वाली कारों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3 प्रतिशत थी।
इलेक्ट्रिक कारों की हाई कॉस्ट और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण देश में कई खरीदार अभी भी EV को अपनाने से झिझक रहे हैं।