लगातार बढ़ती महंगाई में भी खुशनुमा रहेगी एफएमसीजी उद्योग की बगिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:04 AM IST

देश में महंगाई दर में हो रही ऐतिहासिक वृध्दि के बावजूद रोजाना इस्तेमाल होने वाली उपभोक्ता वस्तुएं (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों को जून 2008 में समाप्त हुई पहली तिमाही में कारोबार और मुनाफे में पिछले पांच वर्षों से हो रही वृध्दि के जस के तस बने रहने की उम्मीद है।


उद्योग जगत को शुध्द बिक्री में 16 प्रतिशत, परिचालन लाभ में 18.2 प्रतिशत  और शुध्द लाभ में 21.4 प्रतिशत की औसत वृध्दि की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि हिन्दुस्तान यूनीलिवर और नेस्ले बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कंपनियों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर हो सकती हैं, जबकि आईटीसी के नतीजों के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, वे उम्मीद से बेहतर भी हो सकते हैं और सामान्य भी रह सकते हैं।

चूंकि आइटीसी ने नॉन-फिल्टर सिगरेट का उत्पादन बंद कर दिया है, विश्लेषकों का कहना है कि इससे कंपनी को फायदा हो सकता है, क्योंकि हो सकता है कि उपभोक्ता अधिक मार्जिन वाली फिल्टर सिगरेट की ओर बढ़ें या फिर वे नकली उत्पादों के चलते अपना कारोबार खो दे। इस अनिश्चितता में आईटीसी को उम्मीद है कि उसकी शुध्द बिक्री में 7 से 13.1 प्रतिशत और शुध्द लाभ में 9 से 13.6 प्रतिशत का इजाफा हो। हिन्दुस्तान यूनीलिवर के लिए कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे का असर उसकी वृध्दि पर अधिक नहीं पड़ने वाला।

कंपनी की इस तिमाही में शुध्द बिक्री में लगभग 16.7 प्रतिशत और परिचालन लाभ में लगभग 18 प्रतिशत इजाफा हो सकता है, जिसका श्रेय पर्सनल केयर उत्पादों में हो रहे विकास को जाता है। एंजिल ब्रोकिंग के अनुसार नेस्ले इंडिया और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। जीसीपीएल के शानदार विज्ञापन अभियानों, अधिग्रहण और विलय, नये लॉन्च के चलते अधिक आमदनी कमाने के आसार हैं। अनुसंधान फर्म मोतीलाल ओसवाल के अनुसार नेस्ले को महंगाई के दौर में भी उसके बड़े खाद्य उत्पाद पोर्टफोलियो के साथ मुनाफा ही रहेगा।

कंपनी के कई श्रेणियों में काफी मजबूत ब्रांड हैं, जैसे कि शिशु पोषक तत्व, कॉफी और डेयरी उत्पाद जिनके चलते कंपनी को इस तिमाही में शुध्द लाभ 36.2 प्रतिशत और शुध्द बिक्री 21.8 प्रतिश्ता बढ़ सकते हैं। ईएलऐंडएफएस इन्वेस्टमेंट सिक्योरिटीज में अनुसंधान विश्लेषक समीर देशमुख का कहना है, ‘इस तिमाही के दौरान कई एफएमसीजी कपंनियों ने अपनी कीमतें 5 से 15 प्रतिशत तक विभिन्न श्रेणियों में बढ़ाई हैं।

हमारा मानना है कि इससे कंपनी के मार्जिन को बने रहने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका असर कंपनियों के कारोबार पर उल्टा भी हो सकता है।’ विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ तिमाहियों में एफएमसीजी कंपनियां निश्चित वृध्दि को कीमतों में इजाफे के साथ बनाने में सफल हुई हैं।

First Published : July 9, 2008 | 11:58 PM IST