अभी जारी रहेगा विदेश में टाटा मोटर्स का अधिग्रहण का सफर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:00 AM IST

जगुआर और लैंड रोवर जैसे उम्दा कार ब्रांडों का अधिग्रहण करने के बाद भी टाटा मोटर्स की विदेशी ब्रांड खरीदने की भूख कम नहीं हुई है।


कंपनी अधिग्रहण की राह पर अपनी रफ्तार और बढ़ाना चाहती है, जिसके लिए वह वित्त जुटाने की कोशिश कर रही है। कंपनी इसके लिए विदेशी बाजार से ऋण या इक्विटी के जरिए 40 अरब रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इसका इस्तेमाल विस्तार के साथ-साथ रणनीतिक गठबंधन करने के लिए भी किया जाएगा।

टाटा मोटर्स ने इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के लक्जरी ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण 9200 करोड़ रुपये में पूरा किया। टाटा समूह ने विदेश में अधिग्रहण के कई मंहगे सौदे किए है जिसमें एंग्लो-डच इस्पात निर्माता कोरस शामिल है। इसे उसकी कंपनी टाटा स्टील ने खरीदा था। इसके अलावा टाटा केमिकल्स लिमिटेड भी अधिग्रहण कर चुकी है।

टाटा मोटर्स ने फंड जुटाने की योजना जैसे विभिन्न मुद्दों पर शेयरधारकों को भेजे एक नोटिस में कहा, ‘अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाने, घरेलू और वैश्विक बाजारों में व्यावसायिक एवं यात्री वाहन के लिए कंपनी के पास महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जिनमें रणनीतिक गठजोड़ और अधिग्रहण के मौके भी शामिल हैं।’ नोटिस में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से विदेशी मुद्रा परिवर्तनीयता बॉन्ड (एफसीसीबी) या इक्विटी शेयरों के जरिए 40 अरब रुपये जुटाने के संबंध में कंपनी शेयरधारकों की मंजूरी मांग रही है।

इसके अलावा टाटा ने कंपनी की उधारी क्षमता सीमा बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। लंबे समय के लिए वित्तपोषण के लिए योजना के अंग के तौर पर वह एक सात तीन अलग-अलग राइट्स इश्यू के जरिए 7,200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इस राशि से ब्रिटिश लक्जरी ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर  के अधिग्रहण के लिए भी कुछ रकम दी जाएगी।

टाटा मोटर्स ने कहा कि नए मॉडल के लॉन्च और विनिर्माण इकाइयों और प्रौद्योगिकी में निवेश के जरिए यात्री और व्यावसायिक वाहन खंड की विकास योजना को जारी रखेगी। कंपनी के मुताबिक वह नए उत्पादों के लांच, विनिर्माण इकाइयों के विस्तार और आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी में निवेश के जरिए भारत और विदेश में सवारी और व्यावसायिक वाहन कारोबार संबंधित अपनी विकास योजना को बढ़ाना जारी रखेगी। कंपनी ने कहा, ‘अगले कुछ सालों में इनका उचित रूप से वित्तपोषण जारी रहेगा।’

First Published : June 11, 2008 | 12:13 AM IST