मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों के बीच चयन करने की आवश्यकता नहीं है और अगर सरकार जोरदार तरीके से अपना उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करना चाहती है, तो ये दोनों महत्त्वपूर्ण और पूरक भूमिका निभा सकती हैं।
साल 2024 की अंतिम तिमाही में हाइब्रिड कारों की बिक्री इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में अधिक रही है, इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए भार्गव ने कहा ‘इलेक्ट्रिक बनाम हाइब्रिड की बात कभी नहीं रही है। दोनों की स्पष्ट भूमिका है। हमें उम्मीद है कि साल 2030 तक इलेक्ट्रिक कार की पैठ तकरीबन 20 प्रतिशत हो जाएगी।
लेकिन 80 प्रतिशत कारें अभी भी तेल-गैस इंजन वाली होंगी। सरकार को इन तेल-गैस इंजन वाली कारों का बड़ा हिस्सा हाइब्रिड में तब्दील करने का प्रयास करना चाहिए ताकि कुल कार्बन उत्सर्जन में कमी आए। लेकिन सरकार ने कभी भी देश में हाइब्रिड कारों को बढ़ावा नहीं दिया।’
भार्गव ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाए गए पांच प्रतिशत जीएसटी के बजाय तेल-गैस इंजन वाली कारों जैसी हाइब्रिड कारों पर 43 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने की नीति रही है। हाइब्रिड कारें फेम-2 की सब्सिडी के लिए पात्र भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हाइब्रिड कार की कीमत अधिक हो जाती है, क्योंकि उस पर तेल-गैस इंजन वाले मॉडल की तरह कर लगाया जाता है, न कि किसी इलेक्ट्रिक वाहन की तरह। जब तक करों में कमी नहीं आती, तब तक यह अनुमान लगाना मुश्किल होगा कि साल 2030 तक तेल-गैस इंजन वाली कारों का कितना हिस्सा हाइब्रिड में स्थानांतरित हो सकता है।
अनुमान के अनुसार किसी इलेक्ट्रिक कार की औसत कीमत 15.4 लाख रुपये रहती है, जबकि किसी हाइब्रिड वाहन की औसत कीमत 25.11 लाख रुपये रहती है।
इसके अलावा भार्गव ने बताया कि यह जरूरी नहीं है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आए, क्योंकि चार्जिंग स्टेशनों को ज्यादातर बिजली कोयला आधारित बिजली स्टेशनों से मिल रही है।
हाइब्रिड श्रेणी में मारुति सुजूकी की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि फिलहाल कंपनी के पास हाइब्रिड श्रेणी में दो मॉडल हैं – ग्रैंड विटारा और इनविक्टो। अलबत्ता धीरे-धीरे इसका हाइब्रिड पोर्टफोलियो बढ़ाने की योजना है।
साल 2023 की चौथी तिमाही के दौरान हाइब्रिड यात्री वाहनों की बिक्री में उछाल देखी गई और 23,796 कारों की बिक्री हुई, जबकि इसी अवधि 20,490 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी। इस तथ्य के बावजूद ऐसा हुआ है कि बाजार में 16 से 18 ईवी मॉडल के मुकाबले हाइब्रिड कारों के केवल पांच मॉडल हैं। कुल वाहन बिक्री में हाइब्रिड की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत रही, जबकि ईवी की हिस्सेदारी 2.0 प्रतिशत रही।
कई देश हाइब्रिड कारों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं। जापान में कैलेंडर वर्ष 23 के दौरान घरेलू यात्री कार बिक्री में 55 प्रतिशत बिक्री में हाइब्रिड कारों की थी।