दोपहिया वाहन बनाने वाली भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी टीवीएस मोटर्स चीन में नया संयंत्र लगाने की योजना बना रही है।
हालांकि कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वेणु श्रीनिवासन ने बताया कि अभी इसमें काफी समय लगेगा। श्रीनिवासन ने कहा, ‘ बाकी ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने उत्पाद पोर्टफोलियों का विस्तार कर रही हैं। लेकिन हमारी नीति भौगोलिक स्तर पर विस्तार करने की है।’
श्रीनिवासन की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब हाल ही में देश की दिग्गज दोपहिया वाहन कंपनी हीरो होंडा जर्मनी की डैमलर एजी के साथ चेन्नई में ट्रक निर्माण संयंत्र लगाने के लिए करार किया है। दूसरी तरफ टीवीएस की सबसे बड़ी प्रतिद्विंद्वी कंपनी बजाज ऑटो ने भी रेनो-निसान के साथ कम कीमत वाली कार का निर्माण करने के लिए करार किया है। अभी तक व्यावसायिक, यात्री और यूटिलिटी वाहन बनाने वाली कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने पुणे स्थित दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी काइनेटिक में लगभग 76 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर सबको चौंका दिया है।
टीवीएस मोटर्स को चीन में संयंत्र स्थापति करने के लिए सरकारी नियामकों का पालन करने में कुछ परेशानी हो सकती है। चीन के कानून के हिसाब से कोई भी विदेशी कंपनी चीन में पूर्ण स्वामित्व वाला संयंत्र स्थापित नहीं कर सकती है। चीन में संयंत्र स्थापित करने के लिए कंपनी को किसी भी स्थानीय कंपनी के साथ करार के बाद ही सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता मिल सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि टीवीएस मोटर्स के अभी तक के इतिहास में संयुक्त उपक्रम का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। साल 2001 में टीवीएस मोटर्स ने जापानी कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन का एक झगड़े के बाद अलगाव हुआ है। लेकिन इस अलगाव के बाद कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी वाहन कंपनी बनने में कामयाब रही है।