वेदांत को मिला सात बैंकों का साथ

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 1:01 AM IST

भारत की प्रमुख तांबा निर्माता कंपनी वेदांत रिसोर्सेज ने कर्ज अदायगी के लिए 40 अरब रुपये जुटाने के लिए सात बैंकों के साथ समझौता किया है।


कंपनी ने यह कर्ज सेसा गोवा लिमिटेड की खरीददारी के दौरान लिया था।इस समझौते से जुड़े चार सूत्रों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कंपनी ने पौने पांच वर्ष के ऋण की व्यवस्था करने के लिए एबीएन एमरो होल्डिंग एनवी, बार्कलेज कैपिटल, बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी यूएफजे लिमिटेड, केलयोन, सिटीगु्रप इंक., स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सुमितोमो मित्सुई फाइनैंशियल गु्रप इंक. की सेवा ली है।


अरबपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी वेदांत ने कई परिसंपत्तियों की खरीद की है और भारत एवं चीन में तांबा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2005 से भारत, आस्ट्रेलिया, जाम्बिया में संयंत्रों में अपनी बिक्री में इजाफा किया है। भारत और चीन तांबा और जस्ता के सबसे बड़े उपभोक्ता देश हैं।


कंपनी ने पिछले वर्ष भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क निर्यात सेसा गोवा लिमिटेड में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी 54.8 अरब रुपये में खरीदी थी। वेदांत ने इस अधिग्रहण के दौरान 44 अरब रुपये का कर्ज लिया था।मुंबई की एसबीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी में फंड मैनेजर जयेश श्रॉफ ने बताया, ‘अधिकांश कमोडिटी कंपनियां सुरक्षित आपूर्ति की संभावना तलाशेंगी, क्योंकि उतार-चढ़ाव के कारण संसाधनों की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है।’


सूत्रों के मुताबिक वेदांत को यह ऋण सस्ती दर पर लंबी अवधि के लिए मुहैया कराया जाएगा। वेदांत ने ऋण के पहले वर्ष में 2 प्रतिशत और इसके बाद 3 प्रतिशत का ब्याज चुकाने की योजना बनाई है। वेदांत के सहायक निदेशक सुमनाथ सिडाम्बी ने इस संबंध में प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं की जा सकी है। स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स द्वारा वेदांत के कर्ज को ‘बीबी’ का दर्जा दिया गया है।


मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने इस कर्ज को असुरक्षित कर्ज बीए1 का रैंक दिया है। क्रेडिट सुइस गु्रप के मुताबिक वेदांत के 2400 करोड़ रुपये के बॉन्ड यूएस ट्रेजरीज से 247 बेसिस प्वाइंट ऊपर कारोबार कर रहे हैं। 17 मार्च को इन बॉन्डों ने तेज उछाल के साथ 520 बेसिस प्वाइंट का कारोबार किया था। वेदांत के इन बॉन्डों की अवधि 2010 में पूरी हो रही है। वहीं कंपनी के शेयरों में इस वर्ष 15 प्रतिशत का उछाल देखा गया।


चौथी तिमाही में सेसा गोवा का लाभ तीन गुना बढ़ोतरी के साथ 7.98 अरब रुपये रहा। इस्पात के सबसे बड़े उपभोक्ता और उत्पादक चीन से बढ़ती मांग के कारण लौह अयस्क की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है। 1 अप्रैल को शुरू हुए वर्ष के लिए इसकी कीमतों में 71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।चीन और भारत समेत कई एशियाई देशों ने मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है।

First Published : May 1, 2008 | 12:00 AM IST