हैदराबाद की कंपनी वाइब्रैंट डिजिटल की योजना इस साल अमेरिका की एक ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी को 400 करोड रुपये निवेश कर खरीदने की है।
यह कंपनी का अधिग्रहण का चौथ मौका होगा। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश रेड्डी का कहना है, ‘हम आशय पत्र हस्ताक्षर करने के काफी करीब हैं और हमें उम्मीद है कि इस साल यह करार हो जाएगा।
अमेरिका की यह कंपनी जिन क्षेत्रों में काम करती है उनमें कंटेंट आधारित मोबाइल विज्ञापन भी शामिल हैं।’ बिना किसी कर्जे वाली यह कंपनी हो सकता है कि इस अधिग्रहण के लिए ऋण और इक्विटी दोनों को मिला कर फंड का इंतजाम करे, जिस पर फिलहाल कंपनी काम कर रही है।
2006 में वाइब्रैंट ने सर्बिया की सीनियेटिक्स और अमेरिका की मीडियोसवन का अधिग्रहण किया था। 2007 में कपंनी ने अमेरिका की ऑनलाइन विज्ञापन-नेटवर्क कंपनी ऐडडायनामिक्स का 40 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था। इतने वर्षों के दौरान डिजिटल बाजार में दुनियाभर में सीधे मार्केटर्स, ब्रांड एडवर्टाइजर्स और मार्केटिंग एजेंसियसों को अपनी सेवाएं देकर कंपनी ने खुद को पहले दर्जे की कंपनियों में शामिल कर लिया है और अब कंपनी की नजर मोबाइल विज्ञापन की दुनिया पर है।
रेड्डी का कहना है कि तेजी से बढते हुए मोबाइल विज्ञापनों के क्षेत्र में जहां मोबाइल सर्च और एसएमएस कीवर्ड की मदद से कंटेंट आधारित विज्ञापनों का कारोबार काफी फल-फूल रहा है और यह कंपनी के लिए एक बढ़िया मौका है। रेड्डी का कहना है, ‘इंटरनेट के मुकाबले मोबाइल फोन का इस्तेमाल काफी अधिक है, जिसके पीछे सस्ते मोबाइल फोनों से लेकर फीचर आधारित महंगे मोबाइल फोनों का बाजार में उपलब्ध होना एक वजह है।
और कंपनी अधिग्रहण के इस मौके से खासी उत्साहित है और जल्द से जल्द इस अधिग्रहण को पूरा कर लेना चाहती है। साथ ही इस साल के दौरान अपने दुनियाभर में मौजूदा विज्ञापनदाता और प्रकाशकों की मदद से कंपनी यूरोपीय, भारतीय और चीनी मोबाइल विज्ञापनों के बाजार में भी उतर जाएगी।’ वाइब्रैंट डिजिटल का वर्ष 2007-08 शुध्द मुनाफा 24 करोड़ रुपये रहा है। इस वित्त वर्ष के लिए कंपनी का कुल राजस्व 100 करोड़ रुपये था।