सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स को चार महीने की मोहलत दी है। संकट से जूझ रही फर्म इस अवधि का इस्तेमाल कानूनी प्रक्रिया की चिंता किए बगैर अपने व्यवसाय का पुनर्गठन करने में करेगी। इस रियायत में कंपनी को कानूनी कार्रवाई से अस्थायी राहत दी गई है।
भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स को इस साल जुलाई में एक बड़े साइबर हमले में 23 करोड़ डॉलर के नुकसान का सामना करना पड़ा था। तब से वह इस संकट से निपटने का प्रयास कर रही है।
वजीरएक्स ने 6 महीने की मोहलत मांगी थी, लेकिन सिंगापुर की अदालत ने इसे चार महीने का समय दिया और वह भी शर्तों के साथ।
क्रिप्टो एक्सचेंज को कोर्ट में हलफनामे के माध्यम से वॉलेट पते सार्वजनिक करने, न्यायालय में उठाए गए उपयोगकर्ता प्रश्नों का उत्तर देने, वित्तीय जानकारी जारी करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि भविष्य में न्यायाल संबंधित आवेदनों के लिए वोटिंग की स्वतंत्र पक्षों द्वारा जांच की जाए।
वजीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा, ‘हम न्यायालय के निर्णय के आभारी हैं जिससे हमें समाधान, रिकवरी और पुनर्गठन की अपनी राह पर बढ़ने में मदद मिलेगी।’
वजीरएक्स (जिसकी मूल कंपनी जेटाई सिंगापुर में स्थित है) ने 23 अगस्त को सिंगापुर की एक अदालत में पुनर्गठन के लिए आवेदन किया। इस महीने की शुरुआत में, वजीरएक्स ने कहा था कि हाल में हुए साइबर हमले से प्रभावित ग्राहक अपने पूरे फंड को वापस नहीं पा सकेंगे, भले ही कंपनी पुनर्गठन पर विचार कर रही हो।