स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के एक साल के अंदर ही देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड के शेयरों के दामों में 70 फीसदी तक की गिरावट आई थी।
अपने शेयर खरीदने की घोषणा करने के बाद से कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ी है। इसी मामले पर 10 जुलाई को कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक भी होने जा रही है। इन तमाम मुद्दों पर कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी रमेश सांका से बात की हमारे संवाददाता सिद्धार्थ जराबी ने।
कंपनी अभी अपने शेयर वापस क्यों खरीद रही है? आलोचकों के मुताबिक कंपनी इस मामले में जल्दबाजी कर रही है। इस बारे में आपका क्या कहना है?
अच्छे या बुरे वक्त में हम वही काम करेंगे जो हमारी कंपनी और शेयरधारकों के हित में होगा। हम अपनी नीतियां किसी अखबार में छपी खबर या आलोचकों की राय के मुताबिक नहीं करते हैं। क्या कोई मुझे ये बता सकता है कि पिछले 6 महीनों में क्या बदल गया है कि बाजार में और निवेशकों में इतनी हड़बड़ाहट है। यह सही है कि दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है। दूसरी बात हाल में होने वाले चुनाव हैं। इसके बाद भी हमारी जीडीपी 7-7.5 फीसदी के बीच ही रही है। हमें समझ नहीं आ रहा है कि इतनी हायतौबा क्यों मची हुई है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के शेयरों के दाम काफी गिर रहे हैं और इन्हें लेकर बाजार नकारात्मक हो रहा है। आप क्या कहते हैं?
आप ठीक कह रहे हैं कि रियल एस्टेट के शेयरों की हालत बाजार में अच्छी नही हैं। लेकिन लोगों को कंपनी और परियोजनाओं के बीच के अंतर को पहचानना चाहिए। हम देश में एकमात्र ऐसी कंपनी हैं जो परियोजनाओं में इस्तेमाल हो रही 90 फीसदी जमीन पहले ही खरीद चुकी है। हम 13 फीसदी से ज्यादा की ब्याज दर पर ऋण नहीं ले रहे हैं जबकि बाकी कंपनियां इससे काफी ज्यादा दर पर ऋण ले रही हैं।
मध्य वर्ग की मकानों की मांग हमेशा बनी रहती है। यह उनकी जरूरत है और आगे भी बनी रहेगी। इसलिए हमारा कारोबार भी चलता रहेगा। हमें अपनी कंपनी , अपनी ब्रांड और अपने विकास का पूरा भरोसा है और निवेशकों को भी यह समझना चाहिए।
तो क्या इसीलिए कंपनी अपने शेयर वापस खरीद रही है?
अपनी कंपनी में भरोसा जताने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है। इससे निवेशकों को भरोसा हो जाएगा कि हमारे पास पर्याप्त पूंजी है। लोगों को हमारी संपत्ति की सही कीमत पता चलेगी। किसी भी कंपनी के भूमि बैंक की तुलना (मान लीजिए 1,000 एकड़ ही सही लेकिन पूरी तरह से कंपनी की हो) आप किसी ऐसी कंपनी के साथ कैसे कर सकते हैं जिसने अपनी भूमि का 10 फीसदी हिस्सा भी नहीं खरीदा है। हम यह दिखाना चाहते हैं कि हमारे पास पूंजी है। हमारे पास लगभग 20,000 करोड़ रुपये का मुक्त नगदी कोष है। हमारी हालत अच्छी है।