विप्रो दोहराएगी सेवा मॉडल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:00 PM IST

विप्रो लिमिटेड (160 अरब रुपये) की एशियाई प्रशांत इकाई विप्रो इन्फोटेक भारत के अपने सेवा मॉडल को पश्चिम एशिया में दोहराने की योजना बना रही है।


भारत में अपने मौजूदा संचालन का लाभ उठाते हुए यह कंपनी विकास संभावनाओं को ध्यान में रख कर क्षेत्रीय दृष्टिकोण को अपना कर क्षेत्रीय हब की अवधारणा विकसित कर रही है।


वित्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान कंपनी ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में 40 अरब रुपये से भी अधिक के सौदों पर हस्ताक्षर किए। ये परियोजनाएं 10 वर्षों की अवधि तक चलेंगी। इन परियोजनाओं में हाल ही में किया गया एयरसेल अनुबंध प्रमुख रूप से शामिल है। लगभग 2400 करोड़ रुपये की अनुबंध वैल्यू के साथ यह 9 वर्षों की अवधि के लिए है। इसके अलावा विप्रो ने सऊदी एयरलाइंस (400 करोड़ रुपये), पेंटालून रिटेल (200 करोड़ रुपये) के साथ-साथ रिलायंस कैपिटल से भी करार किया है।


फिलहाल विप्रो इन्फोटेक के कुल कर्मचारियों की संख्या 9000 है जिनमें से 500 कर्मचारी पश्चिम एशिया में कार्यरत हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विप्रो इन्फोटेक का राजस्व के 40 अरब रुपये के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद है।


एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार विप्रो इन्फोटेक उच्च भारतीय वृद्धि से लाभान्वित होने में सफल रही है। भारतीय आईटी सेवा बाजार 2011 तक बढ़कर लगभग 7000 अरब रुपये होने की संभावना है। 2007 में यह लगभग 2000 अरब रुपये था जिसमें पांच वर्षों तक  चक्रीय वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) में 23.2 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। अपनी मजबूत क्षेत्रीय उपस्थिति की बदौलत विप्रो इन्फोटेक को पश्चिम एशिया में वृद्धि की इस तेजी में भागीदार बनने की संभावना है।

First Published : March 25, 2008 | 12:08 AM IST