एस्सार की टावर फर्म जीटीएल के साथ!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 7:49 PM IST

एस्सार समूह ने अपनी टॉवर इकाई एस्सार टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (ईटीआईपीएल) के संभावित विलय के लिए दूरसंचार क्षेत्र में बुनियादी सेवा प्रदाता कंपनी जीटीएल लिमिटेड के साथ बातचीत शुरू कर दी है।


 
ईटीआईपीएल के मुख्य कार्यकारी अजय मदान ने बताया कि इस क्षेत्र में कंपनी के लिए विलय करना बहुत जरुरी है। कंपनी इस संभावित विलय के लिए कई कं पनियों से बातचीत कर रही है। हालांकि अभी तक किसी भी कंपनी के साथ कुछ भी तय नहीं हो पाया है।


उन्होंने साफ तौर जीटीएल का नाम लेने से मना कर दिया है। एक तरफ जहां 925 करोड़ रुपये की कीमत वाली कंपनी जीटीएल इस विलय के बारे में कुछ भी बताने से मना कर रही है। वहीं कंपनी से जुडे सूत्रों का कहना है कि इस विलय के लिए कंपनी ईटीआईपीएल के साथ बातचीत कर रही है। दिसंबर 2007 तक आखिरी तिमाही में जीटीएल की कुल आय लगभग 450 करोड़ रुपये रही और कंपनी को लगभग 39 करोड़ रुपये का कुल मुनाफा प्राप्त हुआ।


ईटीआईपीएल देश में दूरसंचार क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी टावर स्थापित करने के बाद कई दूरसंचार ऑपरेटरों को इसकी सुविधाएं प्रदान करती है। कंपनी ने मुंबई, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, यूपी(पूर्व),यूपी (पश्चिम), बिहार और उड़ीसा के दूरसंचार क्षेत्र में टावर स्थापित कर चुकी है।


ईटीआईपीएल की अगले तीन साल में लगभग 20,000 टावर और स्थापित करने की योजना बना रही है। जीटीएल हाल ही में टाटा टेलीसर्विसेज की टावर निर्माण करने वाली कंपनी टाटा टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में शेयरों के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर हो गई है। टाटा टेलीकॉम के प्रमोटर कंपनी के 26-49 फीसदी शेयर बेचने की तैयारी में हैं।


इस बारे में जीटीएल ने कहा कि कंपनी किसी भी उपक्रम में कम शेयर धारक नहीं बनना चाहती है। कंपनी अगले जीटीएल देश भर में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अगले तीन साल में 25,000 टावर और लगाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी सालाना 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने टेलीकॉम क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना आईटी कारोबार काफी कम कर दिया है।


दूरसंचार क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने के क्षेत्र में आने के लिए अब बड़ी बड़ी कंपनियां भी बेकरार हैं। इस सूची में सबसे पहले अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल के देश भर में 25,000 टावर हैं। इन्फ्राटेल अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को आईपीओ के जरिये बेचने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनी की योजना 8,000 करोड़ रुपये का निवेश कर देश भर में 60,000 टावर स्थापित करेगी।


भारती एयरटेल भी दो साल में अपनी टावर इकाई भारती इन्फ्राटेल के विस्तार की योजना बना रही है। भारती, वोडाफोन, एस्सार और आइडिया सैल्युलर भी अपने साझा उपक्रम इन्डस के विस्तार के बारे में योजना बना रहें है। हाल ही में स्पाइस टेलीकम्युनिकेशंस ने अपने सभी 875 टावर को 600 करोड़ रुपये में क्विपो टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेच दिया था। 

First Published : April 10, 2008 | 12:25 AM IST