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1 दिसंबर से OTP के लिए करना होगा इंतजार, ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए लागू होगा नया नियम

ट्राई ने इन नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की अनुमति दी थी और ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि 30 नवंबर तक सभी संबंधित एंटिटी को इन निर्देशों का पालन करने की च

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- November 28, 2024 | 11:34 AM IST

ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसमें फर्जी ओटीपी मैसेज का इस्तेमाल कर लोगों के डिवाइस का एक्सेस लिया जाता है। इस वजह से कई बार लोगों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इन धोखाधड़ी भरी गतिविधियों को रोकने और ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने नया नियम लागू करने की तैयारी की है।

1 दिसंबर से मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियम लागू

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को मैसेज ट्रेसेबिलिटी लागू करने का निर्देश दिया है। यह नियम 1 दिसंबर से लागू हो सकता है। इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भेजे गए सभी मैसेज ट्रैसेबल होंगे, जिससे फिशिंग और स्पैम के मामलों पर रोक लगाई जा सके।
ओटीपी डिलीवरी में हो सकती है देरी

नए नियमों के चलते, ग्राहकों को ओटीपी डिलीवरी में थोड़ी देरी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, TRAI का यह कदम ग्राहकों को फर्जी कॉल और मैसेज से बचाने के लिए एक बड़ा प्रयास है।

कैसे करेगा यह नियम काम?

मैसेज ट्रेसेबिलिटी के जरिए फिशिंग और स्पैम जैसे फ्रॉड को ट्रैक कर उन पर रोक लगाई जाएगी। TRAI का यह नियम डिजिटल फ्रॉड को कम करने और सुरक्षित मैसेजिंग सिस्टम बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है।

नए नियमों के अनुसार, अब मैसेज सेंडर से रिसीवर तक पूरी तरह ट्रेसिबल होना चाहिए। इस पहल की घोषणा सबसे पहले अगस्त में की गई थी, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को इन ट्रेसिबिलिटी प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। हालांकि, जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसी प्रमुख कंपनियों के अनुरोध पर इस समय सीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया।

अब, 30 नवंबर की समय सीमा समाप्त होने के बाद, टेलीकॉम ऑपरेटरों को मैसेज ट्रेसिबिलिटी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। ट्राई ने इन नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की अनुमति दी थी और ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि 30 नवंबर तक सभी संबंधित एंटिटी को इन निर्देशों का पालन करने की चेतावनी दी जाए।

1 दिसंबर से, निर्देशों का पालन न करने वाले व्यवसायों के मैसेज ब्लॉक किए जा सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेसिबिलिटी प्रक्रियाओं के लागू होने के कारण 1 दिसंबर से ओटीपी मिलने में कुछ देरी होने की संभावना है। इस वजह से यूजर्स को ऑनलाइन बैंकिंग, बुकिंग और अन्य सेवाओं के लिए ओटीपी प्राप्त करने में अधिक समय लग सकता है।

First Published : November 28, 2024 | 11:34 AM IST