लगता है झंडु के अधिग्रहण को लेकर अपनी विवादास्पद और टकरावपूर्ण बोली के बावजूद इमामी की कारोबार बढ़ाने की भूख अभी खत्म नहीं हुई है।
यह कंपनी यूरोप में दो प्रमुख अधिग्रहणों की कोशिश में लग गई है। कंपनी इनमें से एक अधिग्रहण ब्रिटेन में और एक महाद्वीप में करना चाहती है। कोलकाता में बिजनेस स्टैंडर्ड के पत्रकार प्रदीप गुप्तू के साथ बातचीत में इमामी के चेयरमैन आर. एस. गोयनका और संयुक्त चेयरमैन आर. एस. अग्रवाल ने समूह की आगामी योजनाओं का खुलासा किया।
इमामी ने अपनी ताजा अधिग्रहण पेशकश कर बाजार को आश्चर्यचकित कर दिया। अधिग्रहण या नए ब्रांड विकास में से कौनसा बेहतर विकास विकल्प है?
आर एस अग्रवाल (आरएसए): हमने कुछ साल पहले महसूस किया था कि प्रतिस्पर्धा इतनी तेजी से बढ़ रही है कि हमें घरेलू ब्रांड को विकसित करना होगा और कारोबार को बढ़ाने एवं बाजार में अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए अधिग्रहणों का रास्ता अख्तियार करना होगा। ऐसा करना इसलिए जरूरी होगा क्योंकि हम लंबे समय तक वित्तीय क्षमता, शेयर धारकों की संपत्ति और उत्पादों की प्रतिष्ठा में विकास करना चाहते हैं।
आर एस गोयनका (आरएसजी): हमारी अधिग्रहण रणनीति के दायरे में भारत और विदेश दोनों की कंपनियां हैं और इमामी के आकार और इसके ढांचे को ध्यान में रख कर योजना बनाई गई है।
अपने ब्रांडों के बारे में बताएं।
आरएसए: इमामी सभी मानकों को ध्यान में रख कर अपने मौजूदा ब्रांडों का विस्तार कर रही है। इसके साथ-साथ कंपनी नए ब्रांडों को भी बढ़ावा दे रही है। हमारी योजना अगले कुछ वर्षों में हर वर्ष चार ब्रांड लांच करने की है। ये ब्रांड हेयर केयर, स्किन केयर, कलर कॉस्मेटिक, स्वास्थ्य उत्पाद और घरेलू एवं खाद्य उत्पादों के लिए प्रोडक्ट लाइन में संगठित होंगे।
आरएसजी: इस पहल के तहत ब्रांडों के लांच के लिए संबद्ध क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह भी ली जाएगी।
अधिग्रहण की क्या योजना है?
आरएसए: हम ब्रिटिश बाजार में अधिग्रहण के करीब हैं, लेकिन मिस्र में भी हमें शानदार अवसर दिख रहे हैं। ब्रिटेन के सौदे के अलावा दूसरा बड़ा और अहम अवसर यूरोप में तलाश गया है जिसमें तकरीबन 2000 करोड़ रुपये से ब्रांड लाइन और एफएमसीजी उत्पादों की शृंखला की पेशकश की गई है।
आरएसजी: इस बारे में ब्रिटेन की ईवोल और आस्ट्रेलिया की टोनी पियर्स जैसी एजेंसियों और अमेरिका में सलाहकार चंदा जावेरी के साथ बातचीत चल रही है। अमेरिकी बाजार हमें कुछ कठिन जरूर लग रहा है, लेकिन हम वहां भी अवसर तलाश रहे हैं।
आरएसए: मैं जानता हूं कि हमारी नई पहल मीडिया का ध्यान आकर्षित कर रही है, लेकिन हम इसे लेकर बेहद गंभीर हैं। वह (आर. एस. गोयनका) और मैं स्कूल के दिनों से ही साथ-साथ रहे हैं और हम मिज-जुलकर किसी काम को निपटाते हैं। यदि हम इसमें सफल रहते हैं तो यह हमारे सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने का कदम होगा और यदि हम विफल रहते हैं तो यह हमारा दुर्भाग्य होगा। लेकिन हमारा मानना है कि कंपनी (झंडु) अच्छा करेगी और हमारे प्रबंधन में वैल्यू और संपदा को और अधिक बढ़ाने में
सफल रहेगी।
इमामी वैल्यू चेन को बढ़ाने के लिए क्या योजना बना रही है?
आरएसजी: इमामी की योजना अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक ब्रांडों के विकास या अधिग्रहण के जरिये वैल्यू चेन को बढ़ावा देने की है। इसके अलावा कंपनी बड़े भौगोलिक दायरे को ध्यान में रख कर वैश्विक निर्माण इकाइयां और शोध एवं विकास और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को बढ़ावा देना चाहती है।
आरएसए: सबसे बड़ी चुनौती संसाधन नहीं बल्कि सूचना और ज्ञान तक पहुंच रखने वाले विचारकों और नेतृत्व की क्षमता रखने वाले लोगों तक पहुंचकर उनकी टीम बनाने की है। इसी के साथ नवपरिवर्तन के क्षेत्र में बढ़िया वैश्विक कारोबार से मुकाबले करना भी एक कड़ी चुनौती है। भारतीय उद्योग में मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि शोध एवं विकास ‘रिपीट ऐंड डुप्लीकेट’ पर खड़ा है।
आरएसजी: मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हम अपना दूसरा और केंद्रीकृत शोध एवं विकास संयंत्र कोलकाता में स्थापित करने जा रहे हैं जो संभवत: सबसे बड़ी कंपनी की प्रयोगशाला में होगा।
क्या इमामी अपने पोर्टफोलियो में कुछ प्रमुख उत्पादों में बदलाव लाएगी? विदेशी ब्रांडों के लिए क्या संभावनाएं हैं?
आरएसए: घरेलू बाजार में इमामी ब्रांड चार-परत की पिरामिड संरचना में होंगे। प्रमुख परत अल्ट्रा प्रीमियम ब्रांड, दूसरी प्रीमियम प्रोडक्ट्स, तीसरी लेयर के खरीदारों को ‘क्लास फॉर मास रेंज’ कहा जाएगा। अंतिम रेंज मॉल आधारित और संस्थागत बिक्री के लिए होगी।
आरएसजी: वैश्विक बाजारों में इमामी अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड निर्यात को ध्यान में रख कर विदेशी विशेषज्ञों की सलाह के तहत अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। अल्पावधि में इमामी उत्पादों और वैश्विक ब्रांडों के निर्माण लिए अनुबंध किया जा सकता है।