ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEE) ने सोमवार को ऐलान किया कि कंपनी के निदेशक मंडल ने अबाध रूप से कंपनी का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम समिति गठित की है। इससे पहले मीडिया दिग्गज सेबी के उस आदेश पर प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) से किसी तरह का अंतरिम राहत पाने में नाकाम रहा, जिसमें सेबी ने संस्थापक सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका पर पाबंदी लगाई है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, अंतरिम समिति निदेशक मंडल की निगरानी में होगी और कंपनी से संबंधित सभी दिशानिर्देश हासिल करेगी। निदेशक मंडल का भरोसा पुनीत गोयनका के नेतृत्व पर बरकरार है और वह मामले में प्रगति की निगरानी करेगा।
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ज़ी एंटरटेनमेंट का शेयर 6 फीसदी चढ़कर 230 रुपये पर बंद हुआ और इस तरह से दो दिन की बढ़त 15 फीसदी पर पहुंच गई। ज़ी के बयान में इसका जिक्र नहीं है कि क्या गोयनका सेबी के निर्देशों का पालन करने के लिए कंपनी के बोर्ड व प्रबंधन में अपना पद त्याग देंगे। गोयनका ज़ी के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी हैं।
पिछले हफ्ते सैट ने सेबी के आदेश के खिलाफ चंद्रा व गोयनका की अपील खारिज कर दी थी, जिसमें सेबी ने किसी भी सूचीबद्ध फर्मों में अहम प्रबंधकीय पद लेने या निदेशक बनने से उन्हें रोक दिया था।
सेबी के आदेश में किसी तरह की अनियमितता नहीं पाते हुए पंचाट ने 10 जुलाई के आदेश में ज़ी के प्रवर्तकों को दो हफ्ते के भीतर बाजार नियामक के पास जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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पंचाट ने सेबी को जवाब दाखिल करने के एक हफ्ते के भीतर सुनवाई की तारीख तय करने और सुनवाई का मौका देने के बाद उचित आदेश पारित करने को कहा था। हालांकि अब सेबी के अन्य पूर्णकालिक सदस्य मामले की जांच करेंगे ताकि किसी तरह का पक्षपात न हो।
ज़ी व सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के विलय पर एनसीएलटी ने 10 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी और उनके फैसले की प्रतीक्षा है। नियामक एस्सेल समूह की फर्मों में रकम की हेराफेरी के मामले में चंद्रा व गोयनका की कथित संलिप्तता की जांच कर रहा है।