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Zee-Sony merger: NCLAT ने विलय पर स्टे लगाने से किया इनकार, अब जनवरी में होगी मामले की सुनवाई

NCLAT के इस आदेश के बावजूद Zee Entertainment के शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली। 3:06 बजे BSE पर इसके शेयर 277 रुपये पर ट्रेड करते दिखे।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 15, 2023 | 3:35 PM IST

नैशनल कंपनी अपीलेट लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने आज यानी 15 दिसंबर को कहा कि वह कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (Culver Max Entertainment) और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के विलय पर रोक नहीं लगाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 8 जनवरी को होगी। बता दें कि Culver Max Entertainment को पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के नाम से जाना जाता था।

गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank ) और एक्सिस फाइनैंस (Axis Finance) ने NCLT के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने देश की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी के बनने का रास्ता साफ करते हुए विलय को मंजूरी दे दी थी। NCLT का वह आदेश 10 अगस्त को आया था। बता दें कि मर्जर के बाद 10 अरब डॉलर के साथ यह अपने क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी।

गिरे ZEEL के शेयर

NCLAT के इस आदेश के बावजूद Zee Entertainment के शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली। 3:06 बजे BSE पर इसके शेयर 0.43 फीसदी की गिरावट के साथ 277 रुपये पर ट्रेड करते दिखे।

क्या था NCLAT का आदेश?

एच वी सुब्बा राव और मधु सिन्हा की पीठ ने इस विलय को लेकर दायर सभी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया। विलय को मंजूरी देते हुए, NCLAT ने अपने आदेश में, इस कदम का विरोध करने वाले फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशन्स द्वारा दायर कुछ अप्लीकेशन्स को खारिज कर दिया, जिनमें आईडीबीआई ट्रस्टीशिप (IDBI Trusteeship), IDBI Bank, Axis Finance, JC Flowers Asset Reconstruction Co. और Imax Corp शामिल थे।

क्या है दलील?

IDBI Trusteeship Services Limited (ITSL) ने एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरपर्सन सुभाष चंद्रा के खिलाफ NCLAT में अपील भी दायर की थी। IDBI Trusteeship ने NCLT को बताया कि वह फ्रैंकलिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रबंधित कुछ योजनाओं के पक्ष में एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड (EIL) द्वारा जारी किए गए 425 डिबेंचर का डिबेंचर ट्रस्टी है।

इसमें कहा गया है कि चंद्रा ने 25 जून, 2019 को IDBI Trusteeship (फ्रैंकलिन टेम्पलटन के बेनिफिट के लिए) के पक्ष में एक पर्सनल गारंटी की गई थी, जो डिबेंचर को लेकर रीपेमेंट के लिए गारंटी देती थी।

मई में, NCLAT ने NCLT के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और BSE को ज़ी-सोनी विलय के लिए दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र (no-objection certificate) की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था। मामला वापस NCLT को भेज दिया गया।

First Published : December 15, 2023 | 3:35 PM IST