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Usman Khawaja नहीं पहन सकेंगे गाज़ा के समर्थन वाले जूते, ICC ने लगाई रोक

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस संदर्भ में बुधवार को बयान जारी किया और खिलाड़ियों से आईसीसी के नियमों का पालन करने को कहा।

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भाषा   
Last Updated- December 13, 2023 | 8:34 PM IST

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज Usman Khawaja को उन जूतों को पहनने की अनुमति नहीं दी जिस पर उन्होंने जाहिर तौर पर गाजा के संदर्भ में कुछ संदेश लिखे थे।

पाकिस्तानी मूल के इस क्रिकेटर ने मंगलवार को अभ्यास सत्र के दौरान जो जूते पहन रखे थे उन पर ‘‘सभी जीवन समान हैं’’ और ‘‘स्वतंत्रता मानव का अधिकार है’’ जैसे संदेश लिखे हुए थे।

रिपोर्टों के अनुसार उनकी योजना पाकिस्तान के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के दौरान इन जूतों को पहनने की थी। ICC के नियम हालांकि इस तरह की गतिविधियों को अनुमति नहीं देते हैं और बुधवार को इसकी पुष्टि भी कर दी गई कि यह 36 वर्षीय बल्लेबाज इन जूतों को पहनकर मैदान पर नहीं उतरेगा।

ख्वाजा ने बाद में कहा कि वह मानव अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने ‘एक्स’ पर जारी वीडियो में कहा,‘‘सभी जीवन एक समान हैं। आजादी मानव का अधिकार है। मैं मानव अधिकार के लिए अपनी आवाज उठा रहा हूं। मेरे जूतों पर जो कुछ लिखा गया था वह राजनीतिक नहीं था। मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं।’’

ख्वाजा ने कहा,‘‘मेरे लिए मानव जीवन बराबर है। एक यहूदी जीवन एक मुस्लिम जीवन के बराबर है, एक हिंदू जीवन के बराबर है। मैं केवल उन लोगों की बात कर रहा था जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते।’’

रिपोर्ट के अनुसार ख्वाजा ने संदेश वाले जूते पहनने के बारे में अपने साथियों को नहीं बताया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस संदर्भ में बुधवार को बयान जारी किया और खिलाड़ियों से आईसीसी के नियमों का पालन करने को कहा।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा, ‘‘हम अपने खिलाड़ियों के व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं। लेकिन आईसीसी के ऐसे नियम हैं जो व्यक्तिगत संदेशों के प्रदर्शन पर रोक लगाते हैं, जिसका हम खिलाड़ियों से पालन करने की उम्मीद करते हैं।’’

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि ख्वाजा टेस्ट मैच के दौरान इन जूतों को नहीं पहनेगा। कमिंस ने कहा,‘‘मैंने तुरंत ही उससे बात की और उसने कहा कि वह इन्हें नहीं पहनेगा। मुझे लगता है कि जूतों पर जो लिखा था, ‘सभी का जीवन समान है’, मैं इसका समर्थन करता हूं। ’’

First Published : December 13, 2023 | 8:34 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)