निर्यात में 24 फीसदी का इजाफा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:20 PM IST

रूस-यूक्रेन युद्घ और दुनिया भर में जिंसों की कीमतों में तेजी के बीच भारत से वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात अप्रैल में 38.2 अरब डॉलर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अंतरिम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में देश का निर्यात 24.2 फीसदी बढ़ा है, जो अब तक की तीसरी सबसे उच्च वृद्घि है। मार्च में 42.2 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ था। हालांकि इस दौरान आयात भी 26.6 फीसदी बढ़कर 58.3 अरब डॉलर रहा। इससे अप्रैल में व्यापार घाटा बढ़कर 20.1 अरब डॉलर पहुंच गया।
पेट्रोलियम उत्पादों (113.2 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक्स (64 फीसदी), रसायन (26.7 फीसदी) के निर्यात में तेजी से अप्रैल में कुल निर्यात बढ़ा है। मगी इंजीनियरिंग वस्तुओं, पेट्रोरसायन, रेडीमेड कपड़ों के निर्यात में अपेक्षाकृत कम वृद्घि देखी गई और रत्न एवं आभूषण तथा चावल के निर्यात में इस दौरान गिरावट आई है।
अप्रैल में सोने का आयात 73 फीसदी घटकर 1.7 अरब डॉलर रहने के बावजूद आयात में इजाफा हुआ है। आयात में वृद्घि मुख्य रूप से कोयला (136.4 फीसदी), कच्चा तेल (81.2 फीसदी), रसायन (46.9 फीसदी), वनस्पति तेल (33.6 फीसदी) और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (28.6 फीसदी) का आयात बढऩे के कारण हुई है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जिंसों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी नहीं आती है तो वित्त वर्ष 2023 में ज्यदातर महीनों में व्यापार घाटा 20 अरब डॉलर से अधिक रहेगा। उन्होंने कहा, ‘व्यापार घाटे में बढ़ोतरी मुख्य रूप से तेल की वजह से हुई है। तेल से इतर व्यापार घाटा स्थिर बना हुआ है। इसके साथ ही कोयले तथा रसायन के आयात में बढ़ोतरी की भरपाई सोने के कम आयात ने कर दी। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्घ के कारण जिंसों के दाम में तेजी बनी रह सकती है, जिसका असर व्यापार घाटे पर दिखेगा।’
इंजीनियरिंग निर्यात संवद्र्घन परिषद के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2022 से इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में तेजी का रुख बना हुआ है। लेकिन ढुलाई की लागत बढऩे और कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से इंजीनियरिंग सहित अन्य क्षेत्रों के निर्यात पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार करार से इन क्षेत्रों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ब्रिटेन और कनाडा के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों से देश के निर्यात को और बल मिल सकता है।’
24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्घ शुरू होने के बाद से ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। विश्व व्यापार संगठन ने पिछले महीने 2022 में वैश्विक व्यापार अनुमान को 4.7 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया था। रूस-यूक्रेन युद्घ के साथ ही कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की नई किस्म का चीन में प्रसार होने से भी वैश्विक व्यापार पर असर पडऩे की आशंका है। वित्त वर्ष 2022 में 400 अरब डॉलर के निर्यात का आंकड़ा सफलतापूर्वक पार करने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता को देखते हुए वित्त वर्ष 2023 के लिए कोई नया निर्यात लक्ष्य तय नहीं किया है।
भू-राजनीतिक तनाव की वजह से जिंसों की कीमतों में तेज इजाफा हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्घ शुरू होने के बाद से खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरकों की आपूर्ति बाधित होने की आशंका से इनकी कीमतों में खासी तेजी आई है।

First Published : May 3, 2022 | 10:51 PM IST