गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 35 फीसदी मनरेगा कार्य

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:51 PM IST

केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) के लिए अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल जून में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए इस योजना को शुरू किया था। इस योजना का अधिकांश धन अग्रणी योजना मनरेगा के तहत किए गए कार्यों और ग्रामीण आवास के लिए खर्च किया जाएगा।
इसका एक मतलब यह भी है कि मनरेगा के लिए अप्रत्यक्ष रूप से अतिरिक्त आवंटन किया गया।
ऐसा इसलिए भी है कि ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि भले ही जून में गरीब कल्याण रोजगार योजना को विभिन्न योजनाओं के तहत 11 मंत्रालयों में फैले 25 विभिन्न कार्यों को मिलाकर शुरू किया गया था, इनमें से 11 कार्य ऐसे थे जिनकी मंजूरी पहले से ही मनरेगा के तहत दी जा चुकी है।   
गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) की वेबसाइट पर उपलब्ध अस्थायी आंकड़ों से पता चलता है कि अभियान के तहत जून से करीब 11 लाख कार्य या गतिविधियों को पूरा किया गया है जिनमें से करीब 3.8 लाख (35.28 फीसदी) ऐसे काम हैं जो सीधे मनरेगा से संबंधित हैं।
इनमें गांवों में जल संरक्षण और भंडारण ढांचा, पौधरोपण (कैम्पा फंड के जरिये होने वाले पौधरोपण सहित), पशुओं के लिए शेड का निर्माण, खेती के लिए तालाब, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन ढांचे का निर्माण, कुएं की खुदाई आदि शामिल हैं। जीकेआरए के तहत पूरे हुए 11 लाख कामों में से महत्त्वपूर्ण काम जल संरक्षण और भंडारण ढांचा के लिए हुआ है। 20 जून से इन कामों की संख्या करीब 1,59,697 हो चुकी है।
जीकेआरए के तहत सर्वाधिक संख्या में कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत ग्रामीण आवास के क्षेत्र में हुआ था जिनमें से 4,81,201 काम पूरे हो चुके हैं।
अभियान के जरिये अब तक करीब 51 करोड़ मानव कार्य दिवस का सृजन हुआ है और आवंटित 50,000 करोड़ रुपये में करीब 40,000 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। यह जानकारी वेबसाइट पर मौजूद है।
आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, ‘पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त परिव्यय मुहैया कराया जा रहा है। इस कोष का इस्तेमाल मनरेगा के लिए या फिर ग्राम सड़क योजना के लिए किया जा सकता है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी।’         
जीकेआरए को वापस लौटे प्रवासियों को काम देने के लिए शुरू किया गया था, ऐसे में आलोचकों का कहना है कि इस अभियान से कितनी नौकरियों का सृजन हुआ है इसका व्यापक विश्लेषण करने की आवश्यकता है क्योंकि इस अभियान के लिए कोई नया आवंटन नहीं किया गया था। अधिकांश कार्य अपने सामान्य प्रक्रिया के तहत पूरे हुए हैं।
गरीब कल्याण रोजगार योजना को केंद्र सरकार की मौजूदा लगभग 25 योजनाओं को मिलाकर शुरू किया गया था और इसके तहत उन 116 जिलों में वापस लौटे करीब एक तिहाई श्रमिकों को 125 दिनों का अर्थपूर्ण रोजगार मुहैया कराया जाना था जहां कोविड19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित होकर सबसे अधिक संख्या में कामगार लौटे थे।

First Published : November 25, 2020 | 11:42 PM IST