केंद्र से 9 राज्यों को मिली बाजार से अतिरिक्त उधारी की अनुमति

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:25 PM IST

देश के 9 राज्यों ने वन नेशन वन राशनकार्ड योजना लागू कर दी है, जिसकी वजह से उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से बाजारों से 23,523 करोड़ रुपये उधारी लेने की अनुमति मिल गई है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश,  गुजरात, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि और राज्य भी ऐसा करेंगे, जिसके लिए इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक का वक्त दिया गया है।
कोविड-19 के कारण आई चुनौतियों को देखते हुए वित्तीय संसाधान जुटाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2 प्रतिशत तक अतिरिक्त उधारी लेने की अनुमति दी है।
बहरहाल कर्ज के दीर्घकालिक ऋण स्थिरता और भविष्य में किसी विपरीत असर को रोकने के लिए अतिरिक्त उधारी को विभिन्न क्षेत्रों के राज्यों द्वारा किए जाने वाले सुधार से जोड़ा गया है, जो नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के हिसाब से अहम हैं।
सुधार के लिए चिह्नित किए गए क्षेत्रों में से एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली है। जीएसडीपी के 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सीमा में से 0.25 प्रतिशत को ‘वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था’ लागू करने से जोड़ा गया है। इस योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ पाने वालों, खासकर विस्थापित कामगारों व उनके परिवारों को किसी भी सस्ते गल्ले की दुकान से देश में किसी भी जगह पर राशन मिल सके।
इसका और मकसद लाभार्थियों को बेहतर तरीके से लक्षित करने, फर्जी, दोहरे या अपात्र राशनकार्ड धारक लाभार्थियों को बाहर करने के लिए सुधार करना है, जिससे इसकी खामियां दूर की जा सकें। इसके लिए सुधार की शर्तों में सभी राशनकार्डों को आधार से जोडऩा, लाभार्थियों की बायोमेट्रिक पहचान और सभी सस्ते गल्ले की दुकानों का ऑटोमेशन शामिल है।
इसके अलावा कर्ज के लिए अन्य सुधारों में कारोबार सुगमता, शहरी स्थानीय निकाय और बिजली क्षेत्र के सुधार शामिल हैं।
जीएसडीपी के हिसाब से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है, जिसे  4,851 करोड़ रुपये उधारी की अनुमति मिली है।

First Published : December 9, 2020 | 11:20 PM IST