प्रमुख कर क्षेत्रों में अग्रिम कर संग्रह औसतन करीब 25 प्रतिशत कम रहा, जबकि पहली तिमाही में इसमें 40 प्रतिशत की कमी आई थी। इससे कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए की गई देशबंदी के बाद अब कंपनियों की कमाई बेहतर होने के और स्थिति में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
कुल मिलाकर शुद्ध प्रत्यक्ष कर अग्रिम कर भुगतान के बाद 3.28 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 4.4 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 25 प्रतिशत कम है। 16 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक सकल संग्रह 20.1 प्रतिशत घटकर 4.33 लाख करोड़ रुपये रहा और रिफंड 4 प्रतिशत बढ़कर 16 सितंबर को 1.05 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
भारत के तकनीक केंद्र बेंगलूरु में जहां दो निद पहले 10 प्रतिशत वृद्धि दर देखी गई थी, अग्रिम कर में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसकी वजह से कुल मिलाकर प्रत्यक्ष कर में वृद्धि महज एक प्रतिशत रह गई है। बहरहाल आईटी सिटी बेंगलूरु एकमात्र कर क्षेत्र है, जहां कुल मिलाकर शुद्ध कर संग्रह में बढ़ोतरी देखी गई है।
देश के कुल प्रत्यक्ष संग्रह में 30 प्रतिशत अंशदान करने वाले मुंबई में अग्रिम कर संग्रह 20 प्रतिशत कम रहा, जो पहली तिमाही में 33 प्रतिशत गिरावट की तुलना में कम है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अग्रिम कर के भुगतान में गिरावट की दर निश्चित रूप से दूसरी तिमाही में कम हुई है। ऐसा अनलॉक के कारण अर्थïव्यवस्था बहाल होने की वजह से हुआ। अगली तिमाही में स्थिति में और सुधार की संभावना है।’
अग्रिम कर से आशय उस कर से होता है कि जब धन कमाया जाए तब कर का भुगतान कर दिया जाए और वित्त वर्ष खत्म होने का इंतजार न किया जाए। इससे आर्थिक धारणा के संकेत मिलते हैं। पहली किस्त का भुगतान 15 जून (15 प्रतिशत) दूसरी का 15 सितंबर (30 प्रतिशत), तीसरी का 15 दिसंबर (30 प्रतिशत) और शेष 25 प्रतिशत कर का भुगतान 15 मार्च तक करना होगा है।
दिल्ली में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अग्रिम कर भुगतान में गिरावट की दर घटकर दूसरी तिमाही में 30 प्रतिशत रह गई, जो पहली तिमाही में 45 प्रतिशत थी।
कोलकाता और हैदराबाद में संकुचन क्रमश: 22 प्रतिशत और 20 प्रतिशत रहा, जबकि पहली तिमाही में क्रमश: 51 प्रतिशत और 36 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अहमदाबाद और पुणे में गिरावट 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत रही, जहां पहली तिमाही में 50 और 46 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।
कुल कर संग्रह में अहम भूमिका निभाने वाले स्रोत पर कर (टीडीएस) संग्रह में विभिन्न कर क्षेत्रों में करीब 10 से 12 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रत्यक्ष कर राजस्व का करीब 45 प्रतिशत अग्रिम कर से, 35 प्रतिशत टीडीएस से, 10 प्रतिशत स्वत: आकलन से और 10 प्रतिशत रिकवरी से आता है।
2019-20 में आयकर विभाग प्रत्यक्ष कर संग्रह का घटा हुआ पुनरीक्षित लक्ष्य भी चूक गया था।