अर्थव्यवस्था

इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ‘ट्रेड्स’ के जरिये भुगतान को लेकर बीमा सुविधा का लाभ

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भाषा
Last Updated- February 08, 2023 | 4:37 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को बिलों के एवज में भुगतान के लिये बीमा सुविधा का लाभ देकर ट्रेड्स (ट्रेड रिसीवेबल्स एक्सचेंज डिस्काउंटिंग स्कीम) का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव किया। बीमा सुविधा से बिलों के एवज में फाइनैंशिंग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ट्रेड्स में फाइनैंशिंग के रूप में भाग लेने के लिए संबंधित सभी इकाइयों/संस्थानों को अनुमति दी गयी है।

आरबीआई ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) के लाभ के लिये 2014 में रूपरेखा जारी की थी। इस पहल का मकसद ट्रेड्स के जरिये MSME को विक्रेताओं से भविष्य में प्राप्त होने वाली राशि के बिलों पर वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना था।

ट्रेड्स एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है, जो सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों को विभिन्न कर्ज देने वाले संस्थानों के माध्यम से अपनी व्यापार प्राप्तियों को फाइनैंशिंग करने की अनुमति देता है।

RBI ने कहा, ‘‘ट्रेड्स प्लेटफॉर्म के जरिये भुगतान पर अब बीमा सुविधा मिलेगी। इससे बिलों के एवज में फाइनैंशिंग को बढ़ावा मिलेगा, भले ही इकाइयों की क्रेडिट रेटिंग कुछ भी क्यों नहीं हो।’’ इसके तहत अब बीमा कंपनियो को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर एमएसएमई विक्रेता, खरीदार और वित्तपोषक के साथ चौथे भागीदार के रूप में भाग लेने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, नकदी और बाजार परिचालन को धीरे-धीरे सामान्य बनाने की दिशा में पहल जारी रखते हुए आरबीआई ने सरकारी प्रतिभूति बाजार (security market) के लिये महामारी-पूर्व कारोबार अवधि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक बहाल करने का निर्णय किया।

केंद्रीय बैंक ने सरकारी प्रतिभूति बाजार को व्यापक बनाने के लिये भी कदम उठाया है। दास ने कहा, ‘‘सरकारी प्रतिभूति बाजार को आगे और व्यापक बनाने के प्रयास के तहत हम सरकारी प्रतभूतियों में कर्ज देने और उधार लेने की अनुमति देने का प्रस्ताव करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह कदम निवेशकों को अपनी निष्क्रिय प्रतिभूतियों का उपयोग करने, ‘पोर्टफोलियो’ रिटर्न बढ़ाने और व्यापक भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगा। यह पहल सरकारी प्रतिभूति बाजार को व्यापक बनाने के साथ और नकदी भी बढ़ाएगी।

First Published : February 8, 2023 | 4:37 PM IST