प्रत्यक्ष कर संग्रह में बेंगलूरु ऊपर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:02 AM IST

वैश्विक और भारतीय आईटी कंपनियों के केंद्र वाला बेंगलूरु महामारी वर्ष 2020-21 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में एक मात्र उम्मीद जगाने वाले शहर के रूप में उभरा है। आर्थिक सुस्ती को नकारते हुए देश की सिलिकन वैली के तौर पर जाने जाने वाले इस शहर ने 2020-21 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 7.3 फीसदी की शानदार वृद्घि हासिल की है जबकि दिल्ली और चेन्नई सहित प्रमुख शहरों में कर संग्रह में दो अंक में गिरावट आई है।
2020-21 में समग्र कर संग्रह, रिफंड के बाद की रकम सालाना आधार पर 10 फीसदी घटकर 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा। देश के कर संग्रह में बेंगलूरु की हिस्सेदारी 12.3 फीसदी रही। वास्तव में राष्ट्रीय स्तर पर कर संग्रह में इसकी हिस्सेदारी 2019-20 के 10.1 फीसदी के मुकाबले बढ़ी है। देश के आईटी केंद्र में कर संग्रह, रिफंड के बाद की रकम वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 1.17 लाख करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष 1.09 लाख करोड़ रुपये रही थी।    
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बेंगलूरु एकमात्र क्षेत्राधिकार है जहां वृद्घि दर्ज की गई है। वाणिज्यिक कंपनियों का गढ़ होने के कारण अन्य क्षेत्राधिकारों की तुलना में यह महामारी से अप्रभावित रहा था। इस दौरान ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के कारोबार में इजाफा हुआ है। बहरहाल, इन आईटी कंपनियों को विदेशी ग्राहकों से खूब काम मिले जिससे उनकी आमदनी में विविधता आई।’ उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि हैदराबाद ने मामूली गिरावट के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। यहां पर भी कई आईटी कंपनियां मौजूद हैं।’
वित्त वर्ष 2021 में हैदराबाद में प्रत्यक्ष कर संग्रह 55,000 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष 57,000 करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार इसमें 4 फीसदी की कमी आई।
देश के कर संग्रह में बेंगलूरु ने बहुत बड़ा योगदान दिया। प्रत्यक्ष कर की दृष्टि से देश के सबसे बड़े केंद्र मुंबई में कर संग्रह 7.8 फीसदी घटकर 2.95 लाख करोड़ रुपये रही। दिल्ली और चेन्नई में क्रमश: 20 फीसदी और 15 फीसदी की गिरावट आई।
एएमआरजी एसोसिएट्स में पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि महामारी के दौरान आईटी क्षेत्र और फार्मास्यूटिकल मात्र दो ऐसे क्षेत्र रहे जिन्होंने इक्विटी मार्केट, नौकरी, जीडीपी या कर संग्रह सभी मोर्चो पर वृद्घि की अगुआई की।       
मोहन ने कहा, ‘देश की सिलिकन वैली होने के नाते बेंगलूरु ने आईटी उत्पादों की वैश्विक मांग को पूरा करने का बीड़ा उठाया जिसके कारण यहां से कर संग्रहों में अधिक वृद्घि हुई। पिछले एक वर्ष में बेंगलूरु ने घरेलू और विदेशी स्रोतों से बड़ी पूंजी भी आकर्षित की है जिससे निवेशों को बल मिला है। इससे शहर की निरंतर वृद्घि सनिश्चित होगी।’
नांगिया एंडरसन एलएलपी में पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान तकनीकी कंपनियों विशेष तौर सेवा खंड में डिजिटलीकरण केंद्रित नई परियोजनाओं और कारोबारों को तकनीकी तौर पर सक्षम बनाने के लिए अनुकूल माहौल रहा है।
झुनझुनवाला ने कहा, ‘एआई, क्लाउड क्रांति, समेकन, आभासी वास्तविकता आदि जैसे डिजिटल तकनीकों के उपयोग में उछाल आई है और ये कारोबार परिचालन के तरीके में बदलाव ला रहे हैं। तकनीक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था होने से परिचालन लागत घटी है और इससे राजस्व में इजाफा हुआ है। इसके अलावा बेंगलूरु में कई नए जमाने की डिजिटल कंपनियां हैं जिन पर इक्वलाइजेशन लेवी लगाया जाता है। इसके कारण भी कॉर्पोरेट कर संग्रह में थोड़ा इजाफा हुआ है।’ रिफंडों को छोड़कर समग्र प्रत्यक्ष कर संग्रह 2020-21 के दौरान चार वर्ष में पहली बार घटकर 10 लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा। हालांकि संग्रह इस वित्त वर्ष में संशोधित बजट अनुमानों से 4.5 फीसदी अधिक है।

First Published : April 11, 2021 | 11:53 PM IST