‘कर्ज लेने वालों का न हो उत्पीडऩ’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:46 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) से कहा है कि वह उचित गतिविधि संहिता तैयार करें। रिजर्व बैंक ने कहा है कि रिकवरी एजेंट को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए कि वे किस तरह से लोगों का उत्पीडऩ नहीं कर सकते हैं साथ ही किसी उचित शिकायत के तत्काल निपटारे के लिए शिकायत निवारण व्यवस्था का प्रावधान किया जाना चाहिए। रिकवरी एजेंट द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई के लिए एआरसी जिम्मेदार होंगी, जिन्हें ग्राहकों की गोपनीयता हर हाल में बरकरार रखनी होगी।
एआरसी के लिए उचित गतिविधि संहिता पर जारी अधिसूचना में केंद्रीय बैंक ने कहा है, ‘एआरसी को सुनिश्चित करना होगा कि रिकवरी एजेंटों का उचित प्रशिक्षण हो, जिससे वे संवेदनशीलता, खाकर तमाम पहलुओं जैसे फोन करने के वक्त का सम्मान कर सकें और ग्राहकोंं की सूचनाओं की निजता आदि बहाल रख सकें। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहएि कि रिकवरी एजेंट असभ्य, गैर कानूनी और सवाल उठने वाले व्यवहार या रिकवरी की प्रक्रिया को न अपनाएं।’ एआरसी को अब नियुक्त किए गए शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और संपर्क नंबर उधारी लेने वालों से  साझा करना होगा।  इसके साथ ही उचित शिकायतों को तत्काल निपटाने, जिसमें आउटसोर्स की गई एजेंसी और रिकवरी एजेंट के व्यवहार से जुड़े मसले शामिल हैं। एआरसी द्वारा एकत्र की गई सभी सूचनाएं कड़ाई से गोपनीय रखी जानी चाहिए और उधारी लेने वाले या कानून की जरूरत  पजडने की स्थिति के अलावा किसी भी हाल में उसकी व्यक्तिगत जानकारियां किसी से साझा नहीं करना है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस तरह से उचित गतिविधि संहिता को बोर्ड की मंजूरी होनी चाहिए और एआरसी को संपत्ति के अधिग्रहण में पारदर्शी तरीके व भेदभाव विहीन गतिविधि का पालन करना चाहिए। साथ ही पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जानी चाहिए।  एआरसी को नीलामी के सिलसिले में उचित प्रचार करना चाहिए, जिससे यथासंभव ज्यादा से ज्यादा खरीदार जुट सकें। पुनर्भुगतान  के मामले में एआरसी को सभी प्रतिभूतियां जारी करनी होंगी, यह अन्य कानूनी अधिकार या अन्य दावों के अधीन होगा।
अगर इस तरह की कवायद की जाती है तो उधार लेना वाले को उचित नोटिस देनी होगी। एआरसी को प्रबंधन शुल्क, व्यय और पहल की नीति  के बारे में बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी, जिसका दावा उसके प्रबंधन के तहत आने वाले ट्रस्ट से किया जाना है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस तरह का शुल्क तार्किक और वित्तीय लेन देन के अनुपात में होना चाहिए।

First Published : July 17, 2020 | 12:11 AM IST