Budget 2024: सरकार ने अंतरिम बजट में अर्थव्यवस्था की आगे की जो तस्वीर दिखाई है, उससे आने वाले समय में खपत अच्छी-खासी बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। यही देखकर कंपनियां भी अगले कुछ महीनों में अपना निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
अंतरिम बजट आने के बाद 12 कंपनी प्रमुखों (सीईओ) ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में अपनी तैयारी बताई। उनमें से 66.67 फीसदी नई क्षमता तैयार करने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि अंतरिम बजट में साफ संकेत है कि सरकार से ठेके और ऑर्डर मिलेंगे। अधिकतर प्रतिभागियों (75 फीसदी) को लगता है कि खपत बढ़ेगी मगर 25 फीसदी प्रतिभागियों को अगले कुछ महीनों में खपत मांग बढ़ने के आसार नहीं दिख रहे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे पर व्यय 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। इसके बाद माना जा रहा है कि ज्यादातर नया निवेश बुनियादी ढांचा कंपनियां ही करेंगी। इन कंपनियों को रेल, मेट्रो, सड़क और राजमार्ग के साथ वर्तमान और नई हवाई अड्डा कंपनियों से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘इससे यह भी पता चलता है कि जुलाई में पूर्ण बजट कैसा रहेगा। बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय काफी बढ़ाया गया है और कुल खर्च बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024 के संभावित खर्च पर गौर करें तो यह करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये बैठेगा। इस लिहाज से वास्तविक बढ़ोतरी करीब 17 फीसदी दिखती है, जिससे देसी बाजार में जबरदस्त मांग पैदा होने के साथ ही निजी निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा भी मिलेगा।’
लगभग 58.33 फीसदी सीईओ ने कहा कि वे 1 लाख करोड़ रुपये के नवाचार कोष का फायदा उठाएंगे। वित्त मंत्री ने अपने अंतरिम बजट भाषण में इस कोष का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि यह कोष 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ स्थापित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह कोष निजी क्षेत्र को तेजी से उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नवाचार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
एक तेल कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘अंतरिम बजट से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलता है। भारी-भरकम नवाचार कोष की स्थापना और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे तेजी से उभरते क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा निवेश से पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी। इससे नए जमाने के कारोबारियों के लिए भारी अवसर पैदा होंगे, जो हमें तकनीकी प्रगति को गति देने और भारत को आर्थिक नेतृत्व की ओर ले जाने की ताकत देगा। अगले कुछ वर्षों में हम तेजी से उभरते क्षेत्रों, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और डिजिटलीकरण में बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय देखेंगे।’
(देव चटर्जी के साथ मुंबई से सोहिनी दास और अजिंक्य कावले, बेंगलूरु से अनीका चटर्जी, कोलकाता से ईशिता आयान दत्त और नई दिल्ली से शुभायन चक्रवर्ती)