अर्थव्यवस्था

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खर्च के साथ खजाने का रखा पूरा ध्यान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय मजबूती, पूंजीगत व्यय पर जोर तथा सरकार की आगे की नीतियों के बारे में विस्तार से बताया।

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- February 01, 2024 | 11:19 PM IST

Budget 2024: अंतरिम बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी टीम के साथ मीडिया के सामने आईं और उसके हरेक पहलू पर बात की। उन्होंने राजकोषीय मजबूती, पूंजीगत व्यय पर जोर तथा सरकार की आगे की नीतियों के बारे में विस्तार से बताया।

बजट का सार

अंतरिम बजट पूरी तरह जीडीपी – गवर्नेंस, डेवलपमेंट और परफॉर्मेंस की बात करता है। गवर्नेंस यानी प्रशासन की बात करें तो हमने सही मंशा और नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाला है। डेवलपमेंट यानी विकास लोगों को बेहतर जिंदगी, बेहतर आय देने और भविष्य में ऊंची आकांक्षाएं रखने के लिए है। परफॉर्मेंस यानी प्रदर्शन लगातार तीन साल से 7 फीसदी वृद्धि, जी-20 में सबसे तेज बढ़ते देश, महंगाई पर लगाम, जीएसटी आदि में नजर आता है।

राजकोषीय घाटा

हम कड़ी चुनौतियों के बीच भी खजाने को मजबूत करने के लिए पारदर्शिता और सूझबूझ के साथ राजकोषीय घाटा कम कर रहे हैं। बजट की प्रक्रिया एकदम पारदर्शी हो गई है। बजट में बताया 5.8 फीसदी घाटा बजट अनुमान के 5.9 फीसदी घाटे से बेहद कम है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 5.1 फीसदी राजकोषीय घाटा बताता है कि हम घाटे को 2025-26 तक खींचकर जीडीपी के 4.5 फीसदी पर लाने के अपने लक्ष्य की ओर चल रहे हैं।

दिशानिर्देशक बातें

पांच दिशानिर्देशक बातों में पहली कारगर और जरूरी प्रशासन के रूप में सामाजिक न्याय है। दूसरी बात, चार प्रमुख जाति वर्ग – गरीब, महिला, युवा और किसान हैं। तीसरी, बुनियादी ढांचे पर जोर है। चौथी तकनीक का भरपूर इस्तेमाल है। पांचवीं बात जनसंख्या वृद्धि और उसकी बुनावट से आने वाली चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाना है।

पूंजीगत व्यय

पूंजीगत व्यय में 11 फीसदी बढ़ोतरी कम लगती है क्योंकि पहले ही इस पर बहुत खर्च किया जा रहा है। जब सरकार पूंजीगत व्यय के जरिये खर्च करने के लिए आगे बढ़ती है तो अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सकती है। जब निजी क्षेत्र ने खर्च नहीं किया तब हमने भरपूर व्यय किया। अब हमें निजी क्षेत्र भी खर्च करता दिख रहा है।

रेटिंग एजेंसियां

हम राजकोषीय मजबूती की राह पर चल ही नहीं रहे हैं बल्कि बेहतर काम कर रहे हैं। रेटिंग एजेंसियों के लिए हमारा यही संदेश है।

मनरेगा

सीएजी ने कुछ राज्यों में मनरेगा चलने के तरीके पर टिप्पणी की है और कहा है कि वहां की सरकारों के दावे परखने की जरूरत है। कार्यक्रम के पीछे की मंशा पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं। सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि कितना सुधार किया गया है।

पश्चिम एशिया यूरोप गलियारा

हम इसे आगे ले जा रहे हैं। पश्चिम एशिया में लाल सागर का इलाका काफी अशांत चल रहा है मगर इस परियोजना का यहां सेयूरोप तक के पूरे क्षेत्र पर काफी असर पड़ेगा। हम इसका हर पहलू बरकरार रखते हुए इसे आगे ले जाएंगे।

First Published : February 1, 2024 | 11:19 PM IST